भैया से गुहार: इंतजार में हैं एक लाख से ज्यादा लाडली बहनें, ऐप का निकला दम और सबमिशन रुका

  • जिले में 5 लाख से ज्यादा लाडली बहनों के आवेदन मंजूर
  • लाडली बहनों में जबरदस्त रोष
  • ऐप काम नहीं करने से सबमिशन रुका

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-08 15:32 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के लिए बना नारी शक्ति दूत ऐप ठप पड़ गया है। जिससे आवेदन सबमिट करने का काम रुक गया है। जिले में एक लाख से ज्यादा बहनें आवेदन सबमिशन के इंतजार में हैं। जबकि 5 लाख से ज्यादा लाडली बहनों के आवेदन मंजूर हुए हैं। इसके पीछे साजिश का अंदेशा भी जताया जा रहा है। विभाग के तहत नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, गडचिरोली, भंडारा व गोंदिया जिला आता है। विभाग में अब तक 18 लाख से ज्यादा लाडली बहनों के आवेदन मंजूर हुए हैं। जिले में 5 लाख से ज्यादा आवेदन मंजूर हुए हैं। 31 अगस्त तक ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन किए जा सकते हैं। राखी के पहले लाडली बहनों के खाते में 15-15 सौ रुपए की पहली रकम डाली जाएगी। हद से ज्यादा आवेदन आने से ऐप ठप होने की चर्चा है। इधर महिलाओं को अंदेशा है कि सर्वर काम नहीं करने के पीछे साजिश हो सकती है। महिलाएं अपनी बात को पुख्ता करने के लिए सफाई दे रही हैं कि जितना कोटा तय किया था, उससे ज्यादा आवेदन आ रहे हैं। ऐसे में नहीं बोलने की बजाय ऐप को ठंडा कर दिया गया है। गुरुवार को जिला प्रशासन ने कहा कि जिले में 5 लाख से ज्यादा महिलाओं के आवेदन मंजूर हुए हैं। विधानसभा स्तरीय समिति व पालकमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति से ये आवेदन मंजूर हुए हैं।

लाडली बहनों में जबरदस्त रोष

ऐप काम नहीं करने से लाडली बहनों में जबरदस्त रोष है। महिलाएं सेवा केंद्रों में जाकर बैरंग लौट रही है। लाडली बहने आवेदन सबमिट करना चाहती है, लेकिन ऐप काम नहीं करने से सबमिशन का काम रुक गया है। सबमिशन नहीं होने से मोबाइल नंबर पर ओटीपी नहीं आ रहा। बताया गया कि नारी शक्ति दूत एप पर लोड इतना ज्यादा बढ़ गया कि काम करना बंद हो गया है। कुछ महिलाएं गुहार लगाते हुए पूछ रही हैं कि भैया ऐप क्यों नहीं काम कर रहा।

छुटभैया नेताओं की राजनीति खतरे में

ऐप ठप पड़ने से छुटभैया नेताओं की राजनीतिक दुकानें बंद पड़ने का खतरा बढ़ गया है। मनपा चुनाव का ख्वाब देख रहे छुटभैया नेताओं ने एरिया में घूमकर महिलाओं से आवेदन जमा कराए हैं। अब ऐप ठप पड़ने से किसी का सबमिशन नहीं हो रहा। सबमिशन नहीं होने से महिलाआें के मोबाइल पर एसएमएस व आेटीपी नहीं आ रहे। महिलाएं छुटभैया नेताआें के पास पहुंचकर जवाब मांग रही है। नेता जवाब देने की स्थिति में नहीं है।


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