नागपुर: 90 हजार से अधिक किसानों को मुफ्त बिजली का लाभ, 7.5 एचपी के पंपों का बिल माफ
- मार्च 2029 तक 7.5 एचपी के पंपों का बिल माफ
- कुल उपभोक्ताओं में 16 प्रतिशत है कृषि पंप उपभोक्ता
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में 90 हजार 654 किसानों को मुख्यमंत्री बलिराजा मुफ्त बिजली योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत किसानों के 7.5 एचपी (हार्स पावर) तक के कृषि पंपों को अगले पांच साल तक मुफ्त बिजली मिलेगी। इस योजना से नागपुर जिले के 90 हजार 654 किसानों तथा वर्धा जिले के 72 हजार 558 किसानों यानी नागपुर परिमंडल (नागपुर व वर्धा जिला) में 1 लाख 63 हजार 212 किसानों को मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा। राज्य के कुल 47.41 लाख कृषि पंप उपभोक्ताओं को महावितरण के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जाएगी। राज्य में सभी श्रेणियों के कुल बिजली उपभोक्ताओं में से 16 प्रतिशत कृषि पंप उपभोक्ता हैं। कुल बिजली खपत का लगभग 30 प्रतिशत कृषि क्षेत्र के लिए है। कृषि उपभोक्ताओं की वर्तमान कुल वार्षिक बिजली खपत 39 हजार 246 दसलाख (मिलियन) यूनिट है, जो मुख्य रूप से कृषि पंपों को बिजली आपूर्ति के लिए है। वर्तमान में, महाराष्ट्र राज्य नियामक आयोग के निर्देशानुसार, पूरे राज्य में कृषि फीडरों पर किसानों के कृषि पंपों को थ्री फेज बिजली की उपलब्धता चक्रीय रूप से रात में 8 घंटे या दिन में 8 घंटे की जाती है। विश्व जलवायु परिवर्तन और अनियमित वर्षा के कारण राज्य में कृषि व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। खेती करने वाले किसानों पर प्राकृतिक आपदाओं की मार पड़ी है। राज्य में किसान संकट में हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने राज्य में किसानों के 7.5 एचपी तक के कृषि पंपों को मुफ्त बिजली देने का निर्णय लिया है।
राज्य में 44 लाख किसानों को लाभ
बलिराजा मुफ्त बिजली योजना का लाभ नागपुर समेत राज्य के 44 लाख 3 हजार किसानों के 7.5 हॉर्स पावर क्षमता तक के कृषि पंपों को मुफ्त बिजली प्रदान की जाएगी। इसके लिए सब्सिडी के रूप में 14 हजार 760 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जाएंगे। अप्रैल 2024 से यह योजना को लागू हुई है। योजना का लाभ अप्रैल 2024 से मार्च 2029 तक मिलेगा।
3 साल बाद होगी समीक्षा
हालांकि, 3 साल की अवधि के बाद समीक्षा होगी और अगली अवधि में योजना के क्रियान्वयन को लेकर फैसला लिया जाएगा। बिजली बिल माफ करने के बाद उक्त बिजली टैरिफ छूट राशि को सरकार की ओर से महावितरण के लिए अग्रिम के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। सरकार द्वारा प्रति वर्ष महावितरण को 6 हजार 985 करोड़ रुपये से अधिक की वार्षिक बिजली टैरिफ रियायतों के तहत 14 हजार 760 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। सरकार ने मांगेगा उसे सोलर कृषि पंप उपलब्ध कराने की नीति बनाई है।