आरोप: अंबाझरी परिसर में अवैध निर्माण से आई शहर में बाढ़

नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-11 05:48 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में पिछले महीने बाढ़ के कारण 15 हजार से अधिक घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। इसे लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें बड़ा आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है कि मनपा, नासुप्र और महामेट्रो इन तीनों प्रशासनों द्वारा अंबाझरी व नाग नदी परिसर में किया गया निर्माण ही गलत है। इस कारण परिसर में बाढ़ आई और हजारों लोगो को नुकसान सहना पड़ा। मामले की न्यायालयीन जांच की मांग करते हुए यह याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि बॉम्बे हाई कोर्ट में कार्यरत तीन न्यायमूर्तियों की समिति का गठन करके इसकी पूरी जांच की जाए।

याचिकाकर्ता ने की न्यायालयीन जांच की मांग, हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर

अवैध निर्माणों पर सवाल : बता दें कि 22 सितंबर को हुई बारिश के बाद अंबाझारी तालाब ओवरफ्लो हो गया, जिससे अंबाझरी के इलाके में बाढ़ आई और हजारों लोगो का नुकसान हुआ। इनमें से नुकसानग्रस्त रामगोपाल बचुका, जयश्री बनसोड, नत्थुजी टिक्कस ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका में अंबाझरी तालाब और नाग नदी परिसर के अवैध निर्माणों पर सवाल उठाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. तुषार मंडलेकर पैरवी करने वाले हैं।

अंबाझरी बांध का सर्वेक्षण किया जाए : चूंकि अंबाझरी बांध है, इसलिए डैम को लगकर किए गए अवैध निर्माण हटाने की और विशेषज्ञ इंजीनियरों, वैज्ञानिक और पर्यावरणविद् की समिति द्वारा अंबाझरी बांध का सर्वेक्षण करने के आदेश देने की भी मांग भी याचिका में की गई है।

5 लाख मुआवजा मिले : बाढ़ में जिन नागरिकों का नुकसान हुआ उन्हें 10 हजार और दुकानदारों को 50 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा सरकार ने की है। लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। इसलिए नुकसानग्रस्त प्रति नागरिकों को 5 लाख और दुकानदारो को 10 लाख रुपए का मुआवजा मिलना चाहिए, यह याचिका में मांग की गई है।

विवेकानंद स्मारक हटाने की मांग : अंबाझरी परिसर में विवेकानंद स्मारक की वजह से पानी के प्राकृतिक बहाव में रोक आया है। इसलिए यह विवेकानंद स्मारक हटाने की और साथ ही सेवन वंडर्स ऑफ द वर्ल्ड इमारत के निर्माण कार्य रोकने के आदेश दिए जाएं, यह मांग भी याचिका में मांग की गई है।

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