नागपुर: न्यायमूर्ति गवई ने कहा - हमारी पहचान एक अच्छे व्यक्ति के रूप में होनी चाहिए

  • आईएमए में पद्मश्री डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम का सत्कार कार्यक्रम
  • उपचार के साथ मरीजों को स्वास्थ्य शिक्षा भी दें

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-19 10:54 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. हम किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हों, हमारी पहचान एक अच्छे व्यक्ति के रूप में होनी चाहिए। पद्मश्री डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम ने विश्व स्तर पर न्यूरोविशेषज्ञ के रूप में प्रसिद्धि पाने के बावजूद समाज के साथ अपना जमीनी रिश्ता जोड़कर रखा है। इसलिए उनका कार्य सभी के लिए प्रेरणादायी है। ऐसा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति भूषण गवई ने कहा। अकादमी ऑफ इंडियन मेडिकल साइंसेस (एमएमएस), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) व चिकित्सा क्षेत्र के अनेक संगठनों की तरफ से डॉ. मेश्राम को पद्मश्री अलंकरण घोषित होने पर सत्कार समारोह आयोजित किया गया। रविवार को आईएमए सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में न्यायमूर्ति गवई ने अपने विचार रखे।

विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान : कार्यक्रम में एएमएस के अध्यक्ष डॉ. अजय अंबाडे, आईएमए की अध्यक्ष डॉ. वंदना काटे, नम्रता मेश्राम, डॉ. रमेश मुंडले उपस्थित थे। न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि घर में बिजली नहीं थी, छोटे से गांव से डॉ. मेश्राम का सफर शुरू हुआ तो पद्मश्री तक पहुंचा है। यह सफर काफी मेहनत भरा और चकित करनेवाला है। न्यूरोलॉजी में विश्व में भारत की पहचान बनाई है। चिकित्सा क्षेत्र में काम करते समय अपना सेवाधर्म कायम रखा। चिकित्सा, सामाजिक, सांस्कृतिक समेत विविध क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय है। ऐसा भी न्यायमूर्ति गवई ने कहा।

सत्कारमूर्ति पद्मश्री डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम ने कहा कि डॉक्टरों ने मरीजों का उपचार ही नहीं बल्कि उन्हें स्वास्थ्य के प्रति शिक्षित भी करना चाहिए। अपने आसपास अपने से अधिक ज्ञानी लोग हैं, इस भाव को समझें तो पैर जमीन पर रहते हैं। उनके कारण ही हम निरंतर सीखते जाते हैं। यह प्रवृत्ति सदा होनी चाहिए। मुझे पद्मश्री मिलना चिकित्सा क्षेत्र व सामाजिक क्षेत्र में काम करते समय जो-जो साथ में रहे हैं, उन सभी का यह सम्मान है। शुरुआत में डॉ. प्रमोद गिरी व डॉ. खंडेलवाल ने न्यायमूर्ति गवई का स्वागत किया।

डॉ. अलंकार रामटेके व डॉ. सत्कार पवार ने डॉ. मेश्राम का सत्कार किया। नम्रता मेश्राम का स्वागत डॉ. मंजुषा गिरी ने किया। प्रास्ताविक डॉ. अंबाडे ने रखा। मेडिकल के अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये ने न्यायमूर्ति गवई का परिचय कराया। डॉ. मेश्राम का परिचय डॉ. सुधीर भावे ने करा दिया। न्यायमूर्ति गवई के हाथों डॉ. मेश्राम को शाल, श्रीफल व स्मृतिचिन्ह प्रदान किया गया। संचालन डॉ. सुनीता सुले ने व आभार प्रदर्शन डॉ. वंदना काटे ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में चिकित्सा क्षेत्र के मान्यवर उपस्थित थे।    

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