निशाना: ईवीएम में गड़बड़ी कर सरकारों ने भोगा सत्ता सुख - मेश्राम
- 30 जनवरी को निर्वाचन आयोग कार्यालय पर भारत मुक्ति मोर्चा का आंदोलन
- मेश्राम का बड़ा निशाना
- ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप
डिजिटल डेस्क, नागपुर. ईवीएम को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है। ईवीएम में गड़बड़ी कोई आज की बात नहीं है। कांग्रेस के सत्ताकाल में ईवीएम का प्रयोग शुरू हुआ। उस समय भी ईवीएम में गड़बड़ी कर कांग्रेस सत्ता में आने के भाजपा नेताओं ने आरोप लगाए थे। भाजपा सत्ता में आने पर विपक्ष वही आरोप लगा रहा है। अमेरिका, जापान, जर्मनी समेत यूरोपीय देश तकनीकी में भारत के काफी आगे है। वहां ईवीएम से मतदान नहीं कराया जाता। भारत सरकार जनता के विरोध के बावजूद ईवीएम से मतदान कराने की भूमिका पर अड़ी है। ईवीएम के विरोध में भारत मुक्ति मोर्चा की ओर से 30 जनवरी को केंद्रीय निर्वाचन आयोग कार्यालय पर मोर्चा निकालने की बामसेफ के अध्यक्ष वामन मेश्राम ने पत्र परिषद में जानकारी दी।
प्रादेशिक दलों की ताकत घटी
मेश्राम ने कहा कि, मतदान के लिए ईवीएम का प्रयोग शुरू होने के बाद प्रादेशिक दलों की ताकत घट गई है। ईवीएम में घोटाला कर साल 2004 और 2009 के चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई। अब भाजपा ने उसे अपनाया है। दोनों बड़े दलों ने प्रादेशिक दलों की ताकत घटाने के लिए ईवीएम से चुनाव कराने की भूमिका ली है। ईवीएम से चुनाव में गड़बड़ी होने के कई प्रमाण दिए गए।
आगामी लोकसभा चुनाव में ईवीएम फोड़ेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने भी ईवीएम से फ्री, फेयर एंड ट्रांसपैरेंट चुनाव कराने में बाधा आने का निरीक्षण दर्ज किया है। ईवीएम से चुनाव कराने की सरकार की अड़ियल भूमिका के विरोध में 30 जनवरी को मोर्चा का आयोजन किया गया है। सरकार ने अपनी भूमिका नहीं बदलने पर आगामी लोकसभा चुनाव में ईवीएम मशीन फोड़ने की मेश्राम ने पत्र परिषद में चेतावनी दी।