उत्सव: दीपावली पर्व का आगाज, सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी पूजा

  • संतान की दीर्घायु का पर्व अहोई अष्टमी
  • माताएं व्रत रखकर करेंगी कामना

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-05 12:15 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर | आज अहोई अष्टमी है। दीपावली पर्व के आगाज का दिन। दीपावली से 8 दिन पहले ही माता लक्ष्मी की पूजा कर पर्व की तैयारी शुरू हो जाती है। माताएं इस पर्व पर संतान के दीर्घायु की कामना करती हैं। व्रत रखकर माता लक्ष्मी से अपने संतान के सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। अहोई अष्टमी पर निर्जला व्रत रखा जाता है।अहोई पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर मनाया जाता है। रविवार को अहोई अष्टमी यानी कार्तिक कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि है। माताएं दिन भर पूजा, अर्चना कर अपनी संतान के दीर्घायु की कामना करेंगी। माता का चित्र चौकी पर स्थापित कर चावल और रोटी का भोग लगाया जाएगा। गेहूं के 7 दाने की पूजा होगी। माता की पूजा-अर्चना के बाद भोग चढ़ाया जाएगा। पूजा घर में स्थापित प्रतिमा पर कलश तथा फूल चढ़ाकर सुसज्जित किया जाएगा। माता की आरती के बाद रात में करवा का अर्घ्य देकर व्रत छोड़ा जाएगा।

रवि पुष्य नक्षत्र योग

ज्योतिषि के अनुसार पुष्य नक्षत्र सुबह 10.30 बजे तक रहेगा। दिन भर रवि पुष्य नक्षत्र योग बनेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग का भी आगमन हो रहा है। ग्रहों के अनुकूल योग बन रहा है। कर्क राशि का चंद्रमा रहने वाला है, जो शीतलता प्रदान करेगा। तुला राशि की संक्रांति में सूर्य मंगल व बुध ग्रहों का अद्भुत योग बनेगा। बुध आदित्य योग बनने से यह व्रत और शुभ माना जा रहा है। अष्टमी तिथि का आगमन होने के कारण व्रत को और भी अक्षय फल प्राप्ति का शुभ अवसर है। गुरु ग्रह केंद्र में बैठने से अहोई अष्टमी की पूजा शुभदायक बनेगी। चंद्रोदय रात 12.30 बजे होगा।

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