चढ़ने लगा सियासी पारा: नेताओं के बहिष्कार की उठने लगी मांग, प्रकाश आंबेडकर और राज ठाकरे के बयानों का विरोध

  • आरक्षण का विषय गर्माने के आसार
  • समाज संगठनों में हलचल
  • प्रमुख दलों में बेचैनी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-07 14:55 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा चुनाव की तैयारी के साथ ही राज्य में नेताओं के बहिष्कार की मांग उठने लगी है। फिलहाल वंचित बहुजन वंचित आघाडी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर व महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के चुनावी बहिष्कार की मांग सामने आयी है। विविध समाज संगठनों में हलचल मची है। आरक्षण का विषय गर्मा सकता है। खास बात है कि भाजपा, कांग्रेस समान प्रमुख दल इन विषयों को लेकर बेचैन है। चुनावी नफा नुकसान का आकलन करते हुए पार्टी नेताओं को संयमता से बयान देने को कहा जा रहा है।

प्रकाश आंबेडकर का विरोध

वंचित बहुजन आघाडी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर के विरोध में विदर्भ के समाज संगठन आगे आने लगे हैं। सर्व शाखीय कुणबी कृति समिति व सर्व शाखीय कुणबी संगठन की ओर से आवाहन किया गया है कि वंचित बहुजन आघाडी को मतदान न किया जाए। प्रकाश आंबेडकर के वक्तव्य के विरोध में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नाम जिलाधिकारी कार्यालय में निवेदन सौंपा गया है। उल्लेखनीय है कि वंचित बहुजन आघाडी ने आरक्षण बचाओ यात्रा शुरु की है।


आरोप है कि कुणबी ,मराठा को अलग कर ओबीसी समाज को कुणबी समाज के विरोध में खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रकाश आंबेडकर ने कहा है कि कुणबी मराठा के कारण ओबीसी आरक्षण पर 100 प्रतिशत संकट है। धनगर, माली सहित अन्य समाज ने कुणबी, मराठा को मतदान नहीं करना चाहिए। सर्व शाखीय कुणबी ओबीसी कृति समिति ने कहा है कि प्रकाश आंबेडकर गैरसंवैधानिक वक्तव्य दे रहे हैं। उनके विरोध में कार्रवाई होना चाहिए। जिलाधिकारी कार्यालय में निवेदन सौंपते समय समिति के पदाधिकारी सुरेश गुडधे पाटील, नरेश बरडे, सुरेश कोंगे, राजेश काकडे, रमेश ढवले उपस्थित थे।


राज ठाकरे का करें बहिष्कार

उधर केंद्रीय राज्यमंत्री व आरपीआई के नेता रामदास आठवले ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे व उनकी पार्टी का बहिष्कार करने का आवाहन किया है। आरक्षण विवाद को लेकर राज ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र में आरक्षण की आवश्यकता ही नहीं है। इस पर आठवले ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा है कि जब तक समाज में जाति है तब तक आरक्षण आवश्यक है। एससी, एसटी के आरक्षण को चुनौती नहीं दी जा सकती है। ओबीसी को भी आरक्षण का आधार आवश्यक है।

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