आरोप-प्रत्यारोप: ठेका भर्ती जीआर रद्द, पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे को कोसा

  • सरकार को झुकना पड़ा
  • भाजपा ही माफी मांगे

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-21 11:59 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य में ठेका पद्धति से सरकारी विभागों में कामकाज के लिए भर्ती से संबंधित शासनादेश को रद्द करने की घोषणा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की है। इस मामले को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। शासनादेश को कोई भी उचित नहीं मान रहा है, लेकिन यह जिम्मेदारी स्वीकार नहीं की जा रही है कि आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है। शुक्रवार को प्रमुख नेताओं ने अलग-अलग पत्रकार वार्ता लेकर इस विषय पर अलग-अलग दावे किए। विरोधियों को जमकर कोसा।

आंदोलन करेंगे

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने विपक्ष पर युवाओं को गुमराह करने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष माफी मांगे, अन्यथा भाजपा आंदोलन करेगी। बावनकुले ने कहा महाविकास आघाड़ी सरकार के समय जो निर्णय लिया गया उसे लेकर आघाड़ी के नेता ही अब युवा बेरोजगारों को गुमराह कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे, शरद पवार, नाना पटोले युवाओं से माफी मांगे। आघाड़ी सरकार के समय ठेका भर्ती के शासनादेश पर तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हस्ताक्षर किए। सुशीलकुमार शिंदे, अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण से लेकर उद्धव ठाकरे ने बतौर मुख्यमंत्री ठेका भर्ती का साथ दिया। आघाड़ी के झूठ के विरोध में शनिवार को भाजपा आंदोलन करेगी। पत्रकार वार्ता में संजय भेंडे, धर्मपाल मेश्राम, सुधाकर कोहले, अरविंद गजभिए, मिलिंद माने, अश्विनी जिचकार सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

सरकार को झुकना पड़ा

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा कि ठेका भर्ती के मामले में सरकार को युवा बेरोजगारों के समक्ष झुकना पड़ा है। पत्रकार वार्ता में उन्होंने राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत भी किया। उन्होंने कहा- कांग्रेस व आघाड़ी के नेतृत्व की सरकार के समय भी शासनादेश जारी होते रहे, लेकिन उस समय भी वही वित्तमंत्री थे जो अब है। पहले वित्तमंत्री रहे नेता के अलावा दो बार कामगार मंत्री रहे हसन मुश्रीफ अब मंत्रिमंडल में है। लिहाजा वर्तमान सत्तापक्ष स्वयं ही तय करें कि वह किस पर दोषारोपण करें। कांग्रेस के कार्यकाल में क व ड वर्ग के लिए 15 संवर्ग के पद ठेका पद्धति से भरने के निर्णय लिए गए। अब 135 पद ठेका पद्धति से भरने के निर्णय लिए गए। जिन 9 कंपनियों को ठेका दिया गया था उनसे भाजपा के नेताओं का हित जुड़ा था। दुबई से कंपनी चल रही थी। भर्ती के लिए युवाओं से आवेदन शुल्क के रूप में कंपनियों ने 134 करोड़ रुपए वसूल लिए। 12500 के ठेका कर्मचारी काे संबंधित कंपनी ने 6900 रुपए मासिक मानधन दिया।

भाजपा ही माफी मांगे

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि ठेका पद्धति से भर्ती के मामले में भाजपा ने युवा बेरोजगारों से माफी मांगना चाहिए। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का वक्तव्य एकतरफा है। महाविकास आघाड़ी के नेतृत्व की सरकार में एकनाथ शिंदे व अजित पवार मंत्री थे। फडणवीस के वक्तव्यों से लग रहा है कि वे शिंदे व पवार पर टिप्पणी कर रहे हैं। कांग्रेस ने ठेका भर्ती की, लेकिन संबंधितों काे नियमित भी किया। भाजपा के लिए ठेका भर्ती का मतलब आउटसोर्सिंग है। मविआ पर आरोप लगाने वाले नेता अब राज्य सरकार में मंत्री है। सत्ता से बाहर होने के डर से भाजपा नई नौटंकी कर रही है।

6 सितंबर को शासनादेश किसने जारी किया

पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सरकार पर सवाल दागते हुए पूछा है कि 6 सितंबर 2023 को ठेका भर्ती के संबंध में शासनादेश किसने जारी किया इसका जवाब दें। पहले डेटा आपरेटर जैसे पदों के लिए ठेका भर्ती का शासनादेश जारी हुआ, लेकिन अब तो नायब तहसीलदार व तहसीलदार के पद के लिए भी ठेका भर्ती का विज्ञापन छपने लगा। पुलिस सेवा में सिक्युरिटी गार्ड की नियुक्ति की जाने लगी। सवाल है कि सिक्यूरिटी गार्ड के माध्यम से पुलिसिंग कैसे की जा सकती है। नशा तस्करी मामले में ललित पाटील की िलप्तता को लेकर पूर्व गृहमंत्री ने यह भी पूछा कि नशा तस्करी में लिप्त अपराधी किसकी कृपा से 9 माह तक पुणे के ससून अस्पताल में भर्ती रहा। यही नहीं, महिला मित्र के साथ भोजन और मौज करता रहा। 

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