रेस्क्यू: घर के डाइनिंग टेबल पर बैठा था कोबरा, देखते ही उड़े होश - सहम गया परिवार

  • सर्पमित्र के पहुंचने तक सारा परिवार था भयभीत
  • करीब 20 मिनट तक ही टेबल पर बैठ रहा कोबरा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-01 14:05 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नरेंद्र नगर की विजयानंद सोसाइटी में उस वक्त हड़कंप मचा, जब विशाखा बागडे के घर पर कोबरा ने दस्तक दी। कोबरा डाइनिंग टेबल पर बैठा देखकर परिवार के होश उड़ गए। इस नजारे को देखने के लिए आस- पास के लोग जमा हो गए थे। करीब 20 मिनट तक वह टेबल पर ही बैठा रहा। जब तक सर्पमित्र संतोष सोनी ने विशाखा के घर पहुंचकर कोबरा को पकड़ नहीं लिया, तब तक परिवार भयभीत होकर उस पर ही नजरें गडाए बैठा था। दरअसल बुधवार शाम करीब 7.15 बजे विशाखा के घर में डायनिंग टेबल पर कोबरा फन फैलाए बैठा नजर आया। बागडे परिवार उसे देखकर घबरा गया। घबराना लाजमी था, कोबरा का तो नाम सुनते ही डर का महौल होता है। इसका जहर बेहद खतरनाक होता है।

परिवार के सदस्यों ने उसे कोई नुकसान पहुंचाए बिना सर्पमित्र संतोष सोनी को फोन कर दिया। इसके बाद संतोष सोनी ने कोबरा पकड़ने के बाद जंगल में छोड़ दिया। बारिश के दिनों में सर्प बड़ी मात्रा में निकलते हैं। इस दौरान सर्पदंश की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। नितीश भांदक्कर, संतोष सोनी सहित कई महिला व पुरुष सर्पमित्र बनकर सांपों की सुरक्षा के लिए उन्हें पकड़ने का काम कर रहे हैं।

मेडिकल और मेयो अस्पताल में सर्पदंश के मरीजों के भर्ती होने पर कई सर्पमित्र उनका उपचार कराने में मदद करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र से अब तक सर्पदंश के 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। चंद लोगों की मौत को छोड़कर सर्पदंश वाले मरीजों की जान बचाने में सर्पमित्रों का बड़ा योगदान रहता है। सर्पमित्र किसी भी मौसम में सर्पों को बचाने के लिए शहर के बाहर भी जाते हैं। चैताली भस्मे सहित कई महिला सर्पमित्र सांपों को बचाने का काम कर रही हैं। पिछले एक साल में तकरीब 250 से अधिक सांपों की जान सर्पमित्र बचा चुके हैं। आस- पास के इलाके में सर्पमित्र समय- समय पर जनजागृति अभियान भी चलाते हैं। यह गली मोहल्ले में जाकर नागरिकों का मार्गदर्शन कर सर्पदंश से बचाव के बारे में अवगत कराते हैं।     

Tags:    

Similar News