नागपुर: रामटेक तहसील में डीएपी खाद के नाम पर किसानों से ठगी, नेटवर्क मार्केटिंग का जाल

  • कृषि विभाग ने छापा मारकर खेत से जब्त की नकली खाद
  • गुजरात की एग्रो कंपनी ने नेटवर्क मार्केटिंग का फैलाया जाल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-26 06:35 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. खरीफ की बुआई सामने देख एग्रो कंपनियां किसानों को जाल में फंसाने के लिए तरह-तरह के फंडे अपना रही है। ऐसे ही एक प्रकरण का रामटेक तहसील में भंडाफोड़ हुआ। किसान को डीएपी खाद के नाम पर सॉइल कंडीशनर थमाकर ठगा गया। नेटवर्क मार्केटिंग के माध्यम से खाद की कीमत से ज्यादा रकम 20 महीने में किसान के खाते में जमा होने का लालच भी दिया गया। गुजरात के भावनगर की प्रियांश एग्रो कंपनी द्वारा जिले में नेटवर्क मार्केटिंग का जाल फैलाकर सैकड़ों किसानों को ठगने की खबर है। अदा कीमत से ज्यादा रकम वापस मिलने का लालच दिया।

रामटेक तहसील के चोखाला गांव में सदानंद मदनकर के खेत से टीन के शेड में रखी गई नकली डीएपी खाद कृषि विभाग ने छापा मारकर जब्त की है। मदनकर का खेत उमराव हटवार ने एक साल के ठेके पर लिया है। खरीफ की बुआई के लिए हटवार ने नकली डीएपी खाद खरीदीकर खेत में रखने की जिप कृषि विभाग को गुप्त सूचना मिली। कृषि विभाग की टीम ने खेत में छापा मारकर खाद जब्त की। हटवार से पूछने पर उन्होंने बताया कि, मौदा तहसील के राजोली निवासी िवनायक आंबिलडुके से उन्होंने 50 किलो प्रति बैग 1500 रुपए के हिसाब से डीएपी खाद खरीदी है। 35 बैग के 52,500 रुपए नगद अदा किए। उन्हें बताया गया कि, उत्पादक कंपनी 20 महीने प्रतिमाह 4,250 रुपए उनके बैंक खाते में जमा करेगी। अदा कीमत से ज्यादा रकम 20 महीने में वापस मिलने की हामी भरने पर खाद खरीदी।

अरोली थाने में प्रकरण दर्ज

कृषि विभाग ने प्रियांश एग्रो कंपनी भावनगर गुजरात के खिलाफ आरोली पुलिस थाने में किसान के साथ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। किसान को डीएपी खाद के नाम पर सॉइल कंडीशनर थमाने की पुष्टि हुई है। किसानों को धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहने व किसी के झांसे में न आकर अधिकृत विक्रेताओं से ही खाद, बीज व कीटनाशक खरीदने का आह्वान कृषि विभाग ने किया है।

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