जनहित याचिका: बॉम्बे हाई कोर्ट का ध्वनि प्रदूषण को लेकर हुआ सख्त रूख
- मस्जिदों समेत अन्य कार्यक्रमों में बजने वाले लाउडस्पीकर के खिलाफ दायर रिट याचिका को जनहित याचिका (पीआईएल) में बदला
- याचिका में लाउडस्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर पूरी तरह रोक की मांग
- मुख्य न्यायाधीश के समक्ष जनहित याचिका पर होगी सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई में मस्जिदों समेत अन्य कार्यक्रमों के लाउडस्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने हाल ही में ध्वनि प्रदूषण को लेकर दायर रिट याचिका को जनहित याचिका में बदल दिया है। याचिका में लाउडस्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति नितिन जमादार और न्यायमूर्ति मंजुला देसाई की खंडपीठ के समक्ष 26 सितंबर को 70 वर्षीय महेंद्र सप्रे की ओर से वकील प्रेरक चौधरी की दाखिल रिट याचिका आयी थी, लेकिन इस मामले की सुनवाई टल गई है। अब रिट याचिका को जनहित याचिका में बदले जाने के बाद मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति डॉक्टर आरिफ की खंडपीठ के समक्ष होगी। पिछले दिनों न्यायमूर्ति धीरज सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति संदीप वी. मार्ने की खंडपीठ ने 23 जून को वर्तमान में मांगी गई राहतों की प्रकृति पर विचार करते हुए याचिका पर हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को यह सत्यापित करने का आदेश दिया कि इस याचिका की आवश्यकता है या नहीं। यदि इसकी आवश्यकता है, तो इसे एक जनहित याचिका (पीआईएल) के रूप में बदल दिया जाए और इस मामले की सुनवाई दूसरे खंडपीठ के पास होनी चाहिए। हाई कोर्ट रजिस्ट्रार ने अदालत में 11 अगस्त को रिपोर्ट सौंप दिया, जिसमें याचिका पर सुनवाई जारी रखने की रिपोर्ट दी है। इस साल अप्रैल में रिट याचिका दायर किया था। याचिका में मस्जिदों से तेज आवाज में बजने वाले लाउडस्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
याचिका में दावा किया गया है कि एंटॉप हिल में हर रोज सुबह मस्जिदों में बजने वाले लाउडस्पीकर से बहुत तेज आवाज आती है. इससे वह सो नहीं पाते हैं और हार्ट का मरीज होने के कारण परेशान हो जाते हैं. उन्होंने एंटॉप हिल, वडाला और माटुंगा पुलिस स्टेशन में 500 से अधिक बार फोन कर शिकायत किया. पुलिस को ट्वीट कर भी इसकी शिकायत की गयी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. हर बार पुलिस केवल कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन लाउडस्पीकर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की.