ऐलान: धर्मांतंरण के बाद आईटीआई में दोनों सहुलियते लेने की होगी जांच
- मंत्री लोढा ने विप में किया समिति बनाने का ऐलान
- आईटीआई में दोनों सहुलियते लेने की होगी जांच
डिजिटल डेस्क, नागपुर. महाराष्ट्र के आईटीआई संस्थानों में आदिवासी से धर्मांतरित होकर अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाती दोनों का लाभ उठाने वालों की जांच की जाएगी। आदिवासी समाज हमारी संस्कृति और समाज का अभिन्न अंग है। इसलिए सरकार उनके अधिकारों का हनन रोकने के लिए जरुरी कदम उठाएगी। मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने गुरुवार को संविधान परिषद में यह बात कही।
आईटीआई संस्थानों में अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति दोनों रियायतों का लाभ उठाने वाले आदिवासी छात्रों के संबंध में विधान परिषद सदस्य विधायक निरंजन डावखरे द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में मंत्री लोढ़ा ने यह बात कही। इस दौरान सदस्यों ने कहा कि इस तरह आदिवासी समुदाय के फर्जी छात्रों ने आईटीआई में प्रवेश लिया है। जवाब में मंत्री लोढ़ा ने मामले की गहन जांच के लिए सेवानिवृत्त कुलपति की अध्यक्षता में एक कमेटी नियुक्त करने का वादा किया है। यह भी कहा गया है कि इस समिति में सभी राजनीतिक दलों के विधानसभा व विधान परिषद के सदस्य और आदिवासी समुदाय के दो व्यक्ति शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। लोढ़ा ने कहा है कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है और संविधान का पालन करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के मार्गदर्शन में उचित निर्णय लिया जाएगा।