20 साल बाद: आखिर परिजन को मिल ही गया खोया हुआ सदस्य, सोशल मीडिया सर्चिंग से हुई परिवार की खोज

  • समुपदेशन के बाद मिली आधी-अधूरी जानकारी
  • परिजनों ने की थी सालभर तलाश
  • सोशल मीडिया से हो सका संभव

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-26 15:35 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) के समाजसेवा विभाग के एक अज्ञात व्यक्ति को 20 साल बाद उसके परिवार से मिलाया है। 50 साल का यह व्यक्ति 20 साल पहले काम की तलाश में शहर दर शहर भटकता रहा। अंतत: एक घटना के चलते उसे मेडिकल में भर्ती किया गया। तब समासेवा विभाग ने इस व्यक्ति के बारे में पता किया। सारी कहानी पता करने के बाद इस व्यक्ति को उसके परिवार तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया। समुपदेशन के दौरान प्राप्त जानकारी के आधार पर इस व्यक्ति की जानकारी निकाली गई। परिजनों को संदेश दिया गया। शुक्रवार को इस व्यक्ति को परिजनों के साथ मिलाया गया। बाद में उसे छूट्‌टी दी गई। परिजन इस व्यक्ति को लेकर अपने गांव लौटे।


समुपदेशन के बाद मिली आधी-अधूरी जानकारी

समाजसेवा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मेडिकल में 9 जुलाई को एक अज्ञात व्यक्ति जांच व उपचार करवाने आया। जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे अस्थिरोग विभाग वार्ड क्रमांक एक में भर्ती किया। इस व्यक्ति के साथ कोई नहीं था। उसके पैरों में पुरानी जख्म थी। इसके अलावा पीठ में असह्य दर्द था। अज्ञात मरीज होने से इसकी जानकारी समाजसेवा विभाग को दी गई। जानकारी मिलते ही समाजसेवा अधीक्षक विक्रम लांजेवार ने मरीज की निगरानी व उससे बातचीत करना शुरु किया। व्यक्ति बराबर बात नहीं कर रहा था। उसकी भाषा समझने में मुश्किलें आ रही थी। नियमित बातचीत शुरु रखने से यह व्यक्ति खुलकर बोलने लगा था। उसे बार-बार समुपदेशन कर परिवार के बारे में पूछताछ की जाने लगी। तब जाकर इस व्यक्ति ने ज्ञात आधी-अधूरी जानकारी दी। सोशल मीडिया पर सर्चिंग के बाद परिवार की खोज पूरी हुई।


परिजनों ने की थी सालभर तलाश

मरीज का नाम जितेंद्र लच्छीराम ध्रुव 50 साल है। वह छत्तीसगढ़ राज्य के जिला मुंगेली अंतर्गत तहसील लाेरमी के गांव करणकापा का है। जानकारी मिलते ही समाजसेवा अधीक्षक लांजेवार ने उसके परिजनों के बारे में जानकारी जुटाना शुरु किया। मरीज द्वारा दी गई पारिवारिक जानकारी के आधार पर मुंगेली के एसपी ऑफिस से संपर्क किया गया। वहां से पता चला कि करणकापा गांव लालपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आता है। वहां के पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया गया। जानकारी के आधार पर वहां के सरपंच से बातचीत की गई। सरपंच ने जितेंद्र के मिलने की खबर परिजनों को दी। लांजेवार द्वारा परिजनों से बातचीत करनेपर उन्होंने बताया कि उनके परिवार का कर्ता पुरुष 20 साल पहले लापता हुआ है। उसके बाद सालभर तक काफी तलाश करने के बाद भी नहीं मिले। इसलिए परिजनों ने आस छोड़ दी थी। यह व्यक्ति अचानक ही घर छोड़ निकल गया था। बाद में यहां-वहां भटकता रहा। वह कुछ सालों से नागपुर के पंचशील चौक स्थित एक होटल में वेटर का काम करता था।

परिवार की आंखों से छलके खुशी के आंसू

शुक्रवार की सुबह जितेंद्र के परिवार के चार सदस्य नागपुर मेडिकल में पहुंचे। उन्होंने समाजसेवा अधीक्षक से संपर्क किया। लांजेवार समेत अन्य अधिकारी परिजनों को मरीज तक ले गए। वहां 20 साल पहले बिछड़े जितेंद्र को देख परिजन और जिंतेंद्र के आंखों में खुशी के आंसू बहने लगे। जितेंद्र की पत्नी का नाम राधिका है। उसकी तीन बेटियां है। दो का विवाह हो चुका है। जब जितेंद्र घर से गया था, उस समय तीसरी बेटी एक महीने की ही थी। अब वह 20 साल पूरे कर चुकी है। जितेंद्र व परिजनों ने डॉक्टरों व नर्सिंग स्टॉफ का आभार माना। मेडिकल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे के मार्गदर्शन में समाजसेवा विभाग के माध्यम से जितेंद्र अपने परिवार से मिल पाया। 

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