आंकड़े: राज्य में 3 हजार 214 बच्चों ने स्कूल छोड़ा, वापस आए सिर्फ 1640

  • मुंबई में स्कूल छोड़े सभी 356 बच्चों का दोबारा हुआ दाखिला
  • राज्य में 3 हजार 214 बच्चों ने स्कूल छोड़ा
  • सिर्फ 1640 वापस आए

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-11 15:46 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने सोमवार को नागपुर में चल रहे शीतकालीन सत्र में विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में कहा कि राज्य में 3 से 18 वर्ष की आयु के 3 हजार 214 बच्चों ने कई कारणों की वजह से स्कूल छोड़ दिया था। जिनमें 1 हजार 624 लड़के और 1 हजार 590 लड़कियां शामिल हैं। केसरकर ने कहा कि स्कूल छोड़ने वाले बच्चों में से 875 लड़कों और 765 लड़कियों का स्कूल में दोबारा दाखिला करा दिया गया है जबकि बाकी बचे बच्चों को स्कूल में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बच्चों को शिक्षा की धारा में लाने के लिए राज्य में 'स्कूल चलो अभियान' चलाया जाएगा। इस मामले को लेकर राकांपा (शरद) विधायक जयंत पाटील ने सदन में सवाल पूछा था।

केसरकर ने सवाल के जवाब में कहा कि पूरे राज्य में 17 अगस्त 2023 से 31 अगस्त 2023 तक सर्वे किया था जिसमें स्कूल छोड़ चुके बच्चों का सही आंकड़ा जुटाया गया। इस सर्वे के मुताबिक पूरे मुंबई में कुल 356 बच्चों ने स्कूल छोड़ा था और इन सभी 356 बच्चों को स्कूल में वापस दाखिला दिला दिया गया है। जबकि ठाणे जिले में 380 बच्चों में से 297 बच्चों को, रायगढ़ में 38 बच्चों ने किसी कारणवश स्कूल छोड़ दिया था, उन सभी बच्चों का स्कूल में वापस दाखिला कराया गया है। पालघर जिले में सबसे ज्यादा 928 बच्चों ने स्कूल छोड़ा था लेकिन उनमें से सिर्फ 165 बच्चों का ही दोबारा दाखिला हो पाया है। जबकि बाकी बचे 763 बच्चों को भी नजदीकी स्कूलों में दाखिला दिलाने की प्रक्रिया चल रही है। केसरकर ने कहा कि राज्य में विशेषकर पालघर, ठाणे और बुलढाणा जिलों में स्कूल न जाने वाले बच्चों के नामांकन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल कल्याण तथा शहरी विकास विभाग स्कूलों की मरम्मत, स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने पर भी ध्यान देंगे।

जयंत पाटील ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में हजारों की संख्या में बच्चों ने स्कूल छोड़ा है लेकिन सरकार झूठा आंकड़ा पेश कर रही है। पाटील ने कहा कि राज्य सरकार को बच्चों की शिक्षा को लेकर कड़े कदम उठाने की जरुरत है ताकि बच्चे शिक्षा से वंचित न रह सकें। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि जब स्कूलों में पढ़ाने के लिए अध्यापक ही नहीं हैं तो फिर बच्चों को कौन पढ़ाएगा। जिसका जवाब देते हुए केसरकर ने कहा कि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जिसे दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा।

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