पढ़ाई में बाधा नहीं: आर्थिक पिछड़े वर्ग को 100 फीसदी शिक्षा शुल्क माफ, एडमिशन लेने वाले विद्यार्थी को लाभ

  • व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रविष्ट विद्यार्थी को मिलेगा लाभ
  • अन्यथा शिक्षण संस्थानों पर होगी कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-21 15:02 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत विभिन्न मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में एडमिशन लेने वाले आर्थिक रूप से पिछड़े (ईबीसी), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) और अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के छात्रों को 100 फीसदी शिक्षा तथा परीक्षा शुल्क माफ करने का फैसला लिया गया। शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से इन वर्गों के छात्रों की शिक्षा व परीक्षा शुल्क सरकार प्रतिपूर्ति के रूप में संबंधित शिक्षा संस्थाओं को अदा करेगी। इसलिए, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय और शिक्षा संस्थाओं ने पात्र छात्रों से प्रवेश के समय शिक्षा शुल्क के भुगतान पर जोर न दें।

उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने 19 जुलाई को सरकारी परिपत्र जारी करते हुए आर्थिक पिछड़े वर्ग के छात्रों को 100 फीसदी शिक्षा शुल्क माफ करने का फैसला लिया है। पहले व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले आर्थिक पिछड़े वर्ग के छात्रों को शिक्षा तथा परीक्षा शुल्क में 50 फीसदी प्रतिपूर्ति दी जाती थी। लेकिन अब 2024-25 इस शैक्षणिक वर्ष से 100 फीसदी प्रतिपूर्ति दी जाएगी।

इसलिए यह फैसला लिया गया

छात्रों, अभिभावकों, विभिन्न संगठनों और जन प्रतिनिधियों द्वारा कई शिकायत की गई थी कि राज्य के कुछ शैक्षणिक संस्थान छात्रों को प्रवेश के समय शिक्षा शुल्क के भुगतान पर जोर दे रहे हैं और बिना फीस भुगतान के छात्रों को प्रवेश नहीं दे रहे हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने 100 फीसदी प्रतिपूर्ति को फैसला लिया है।

अन्यथा शिक्षण संस्थानों पर होगी कार्रवाई

सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है यदि वे प्रवेश के समय आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पात्र छात्रों से शिक्षा शुल्क का पूरा भुगतान करने पर जोर देते हैं या मांग करते हैं। साथ ही सरकार ने 100 फीसदी प्रतिपूर्ति के फैसले पर सभी शिक्षण संस्था, विश्वविद्यालयों को अमल करने के निर्देश दिए है।

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