बड़ी सहूलियत: गोल्डन डेटा से सुरक्षित होंगे आपके कागजात, खत्म होगी सर्टिफिकेट सहेजने की झंझट
- कर्नाटक के बाद महाराष्ट्र यह सुविधा देने वाला दूसरा राज्य
- नहीं पड़ेगी सरकारी कार्यालयों में प्रमाणपत्र लेकर जाने की जरूरत
डिजिटल डेस्क, विजय सिंह "कौशिक'। सरकारी कामकाज सरकार की विभिन्न सुविधाओं को हासिल करने एडमिशन से लेकर बैंकों से कर्ज हासिल करने के लिए हमें विभिन्न तरह के प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। सरकार इस तरह के करीब 300 प्रमाण पत्र जारी करती हैं इन प्रमाण पत्रों को सहेज कर रखना मुश्किल कार्य होता है। अब इस समस्या का समाधान होने वाला है। महाराष्ट्र सरकार अपने प्रत्येक नागरिक के विभिन्न प्रमाण पत्रों को डिजिटलीय सहेज कर रखेगी। यह कार्य राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (आईटी) की गोल्डन डेटा परियोजना के जरिए होगा। बस अपना आधार कार्ड बताने पर संबंधित विभाग को आपके सारे जरूरी प्रमाणपत्र एक क्लिक में उपलब्ध हो जाएंगे।
राज्य के आई टी विभाग के प्रमुख सचिव पराग जैन ने "दैनिक भास्कर' को बताया कि गोल्डन डेटा परियोजना का कार्य एक निजी कंपनी को सौंप दिया गया है। कंपनी को वर्क ऑर्डर भी दे दिया गया है। 250 करोड़ की लागत वाली यह परियोजना को पूरा होने में करीब डेढ़ साल लगेंगे। गोल्डेन डेटा में किसानों का सात-बारा भी उपलब्ध होगा।
नंबर की बजाय आधार कार्ड से होगा काम
इस तरह की सुविधा शुरू करने वाला महाराष्ट्र देश का दूसरा राज्य है। फिलहाल कर्नाटक में यह सुविधा शुरू है। महाराष्ट्र सरकार की आईटी विभाग की टीम ने एक सप्ताह तक बेगलुरु में रह कर इस प्रोजेक्ट की बारीकियों को जाना और अपनी परियोजना में कुछ जरूरी बदलाव किए हैं। कर्नाटक में हर नागरिक को गोल्डन डेटा नंबर दिया जाता है, महाराष्ट्र सरकार ने इसे और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए आधार कार्ड को ही गोल्डन डेटा क्रमांक बनाने का फैसला किया है। इससे गोल्डन डेटा नंबर याद रखने या उसे नोट कर रखने की जरूरत नहीं होगी। इस प्रोजेक्ट के तहत नागरिकों के बारे में 360-डिग्री व्यू यानी प्रत्येक जानकारी और जिन सरकारी योजनाओं और सेवाओं का वे लाभ उठा रहे हैं, उस पर राज्य सरकार के सभी विभागों का डेटा एक सिंगल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा।
सरकारी योजनाएं बनाने में भी होगी सहूलियत
आईटी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ‘इंटेलिजेंस की एक लेयर के साथ प्रत्येक नागरिक का गोल्डन रिकॉर्ड’ बनाया जाना है। यह डेटा फैसले लेने में सरकार की मदद कर सकेगा। सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी के लिए सरकार एक एकीकृत डेटाबेस तैयार करेगी, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति की उसके घर-परिवार के साथ पूरी जानकारी होगी।
कैसे काम करेगा गोल्डन डेटा
* इसके लिए एक विशेष वेबसाइट तैयार की जाएगी।
* नागरिकों के विभिन्न प्रमाण पत्र सरकार के विभिन्न विभाग जारी करते हैं। इनको हर नागरिक के डिजिटल खाते में सहेज कर रखा जाएगा।
* नागरिक खुद भी यह जांच सकेंगे की उनके गोल्डन डेटा खाते में उनके कौन-कौन से सर्टिफिकेट सेव हैं
* जो सर्टिफिकेट वहा उपलब्ध नहीं होंगे, उसे खुद अपलोड कर सकेंगे। अपलोड प्रमाणपत्र की वैधता की जांच कर उस सर्टिफिकेट गोल्डन डेटा में सेव कर दिया जाएगा।
* वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) से प्रमाणपत्र अपलोड किया जा सकेगा।