Mumbai News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत गुट के नेता नवाब मलिक के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर
- सीबीआई जांच का अनुरोध
- आईआरएस अधिकारी और पूर्व एनसीबी प्रमुख समीर वानखेडे ने मलिक के खिलाफ दायर किया याचिका
- याचिका में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मलिक के खिलाफ 2022 में दर्ज मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की गुजारिश
Mumbai News : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित गुट के नेता और पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। आईआरएस अधिकारी और पूर्व एनसीबी प्रमुख समीर वानखेडे ने मलिक के खिलाफ दायर याचिका में अदालत से अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मलिक के खिलाफ 2022 में दर्ज मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की गुजारिश की है। अदालत 28 नवंबर को मामले की सुनवाई कर सकता है।
समीर वानखेडे ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत नवाब मलिक के खिलाफ दर्ज मामले में पुलिस की निष्क्रियता के कारण उन्हें और उनके परिवार को काफी मानसिक परेशानी और अपमान का सामना करना पड़ा है। वानखेडे ने 14 अगस्त 2022 को मलिक के खिलाफ गोरेगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में न तो मलिक को गिरफ्तार किया और न ही आज तक उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि मलिक अपने बाहुबल, प्रभाव और धनबल के साथ राज्य पुलिस तंत्र को नियंत्रित कर रहे हैं। यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कैसे आरोपी (मलिक) विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों को खुलेआम साक्षात्कार दे रहा है। वानखेडे ने अपने चचेरे भाई संजय वानखेडे द्वारा दायर एक समान एफआईआर को भी उजागर किया है, जिस पर भी कार्रवाई नहीं हुई है।
समीर वनखेड़े ने 2021 के कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग बस्ट मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और मलिक के दामाद समीर खान को गिरफ्तार करने के के मामले में चर्चा में आए थे। समीर खान की गिरफ्तारी के बाद मलिक ने सोशल मीडिया और टेलीविजन पर उन्हें (वानखेडे) और उनके परिवार को बदनाम करने और अपमानित करने के लिए लगातार अभियान चलाया। उनकी जाति को निशाना बनाया गया और उनके जाति प्रमाण पत्र की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए।