बॉम्बे हाईकोर्ट: युवक ने अदालत से पत्नी के लिए लगाई गुहार, हैबियस कार्पस याचिका की फाइल
- अदालत ने लड़की के पिता को जारी किया नोटिस
- पिता पर बेटी को जबरदस्ती घर में बंधक बनाकर रखने का आरोप
- मुंबई के युवक ने बेलगाम की युवती से किया कोर्ट मैरिज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक युवक ने अपनी पत्नी को पाने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में गुहार लगाई है। उसने हैबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका दायर किया है, जिसमें दावा किया है कि कर्नाटक के बेलगाम निवासी उसकी पत्नी को उसके पिता ने घर में बंधक बना कर रखा है। उसे और उसके परिवार को धमकी मिली है। अदालत ने मंगलवार को लड़की के पिता नोटिस जारी किया और मुंबई पुलिस को जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को विकास कनौजिया की ओर से वकील बावेल राजकुमार सिंह की दायर हैबियस कार्पस याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील सिंह ने दलील दी कि अंधेरी (पूर्व) के एमआईडीसी में रहने वाले याचिकाकर्ता विकास कनौजिया ने इस साल 8 जनवरी को कर्नाटक के बेलगांव की रहने वाली 26 वर्षीय युवती से स्पेशल मैरिज एक्ट-1954 के तहत कोर्ट मैरिज किया। युवती अपने पति के साथ मुंबई में कुछ दिन रहने के बाद बेलगाम लौट गई।
याचिकाकर्ता 29 जनवरी को जब बेलगाम अपनी पत्नी से मिलने के लिए गया, तो युवती के वकील पिता सुधीर जैन को इसकी जानकारी हो गयी। इसके बाद लड़की के पिता और उसके लोग याचिकाकर्ता को अपने एक आफिस में ले गए। वहां उसे बुरी तरह से पीटा और बंधक बना कर रखा. उसे अपने माता-पिता को बुलाने के लिए कहा। जब याचिकाकर्ता के माता-पिता बेलगाम गए, तो उन्हें भी लड़की के पिता और उसके लोगों ने मारा-पीटा। याचिकाकर्ता और उसके पिता के सामने उसकी मां को दुराचार करने की धमकी दी गई।
इस दौरान याचिकाकर्ता की मां की तबीयत खराब हो गयी। इसके बाद वे याचिकाकर्ता और उसके माता-पति को जाने दिया। वे उसका डेढ़ लाख की दो मोबाइल, लैपटाप और चेन छींन लिया। आज भी उसकी मोबाइल, लैपटॉप और चेन उनके ही पास हैं। उसकी पत्नी उसके साथ आना चाहती थी, लेकिन उसके पिता ने उसे घर में बंधक बना कर रखा है। उसे अंदेशा है कि उसकी पत्नी के पिता सुधीर जैन उसे (पत्नी) जान से मार सकते हैं। याचिकाकर्ता की शिकायत पर एमआईडीसी पुलिस ने केवल एनसी दर्ज किया है। खंडपीठ ने लड़की के पिता सुधीर जैन को नोटिस जारी किया है और पुलिस को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह में होगी।