विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस : आर्थिक तंगी और घरेलू कलह से डिप्रेशन में जा रहे युवा
- 7 साल में 137 फीसदी बढ़ी खुदकुशी
- आईआईपीएस के सर्वेक्षण में खुलासा
- पुरुष मजदूर वर्ग में आत्महत्याएं 270 फीसदी बढ़ीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। आत्महत्या के पैटर्न को समझने के लिए मुंबई आधारित विश्व जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आईआईपीएस) की ओर से कराए गए सर्वेक्षण में चौंकानेवाला खुलासा हुआ है। इसके अनुसार खाली जेब (आर्थिक तंगी) और घरेलू कलह से परेशान युवा जिंदगी की जद्दोजहद से छुटकारा पाने के लिए खुदकुशी करते हैं। बीते 7 साल के आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। इस दौरान 18 से 29 वर्ष आयु वर्ग के युवकों में आत्महत्या के मामले 137 प्रतिशत बढ़े हैं। इस वर्ग में विद्यार्थी से लेकर नवविवाहित भी शामिल हैं। मनोचिकित्सकों का कहना है कि युवकों को जागरूक करने की जरूरत है। मुश्किल हालात में भी उन्हें संयम बरतना चाहिए। आवेश में ऐसा कोई फैसला नहीं करना चाहिए, जिससे परिजन को तकलीफ हो।
आईआईपीएस ने यह अध्ययन एक अमेरिकी विश्वविद्यालय के लेखक साथ मिल कर किया है। संस्थान के डॉ. सूर्यकांत यादव ने बताया कि अध्ययन का निष्कर्ष हाल ही में लैंसेट जनरल में प्रकाशित हुआ है। उन्होंने बताया कि नतीजा नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो, नेशनल सैंपल सर्वे और जनगणना के आंकड़ों के आधार पर निकाला गया है। हमने पाया कि 2014 के मुकाबले 2021 में 18 से 29 आयु वाले पुरुष वर्ग में आत्महत्या के मामले 137 फीसदी बढ़े हैं। वहीं 30 से 45 वर्ष आयु वर्ग के पुरुषों में खुदकुशी 131 फीसदी बढ़ी है। पुरुष मजदूर वर्ग में आत्महत्याएं 270 फीसदी बढ़ी हैं।
यह रही प्रमुख वजह
डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि आत्महत्या की प्रमुख वजह आर्थिक स्थिति और पारिवारिक समस्या रही है। 18 से 29 आयु वर्ग के युवा या तो पढ़ाई कर रहे होते हैं अथवा नवविवाहित होते हैं। 30 से 45 आयु वर्ग में नौकरी पेशा, मजदूर, और विवाहित शामिल हैं। उन्होंने बताया कि नवविवाहित युवाओं पर परिवार चलाने-रिश्तों को निभाने की जिम्मेदारी रहती है। विद्यार्थी वर्ग पर पढ़ाई का दबाव रहता है। विकट आर्थिक स्थिति इन्हें अवसाद में डाल देती है। इसके चलते इन्हें आत्महत्या के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं सूझता।
इस तरह बढ़े मामले
वर्ष 2014 में पुरुष मजदूर वर्ग में आत्महत्या के 13,944 मामले थे, जो 2021 में बढ़ कर 37,751 तक पहुंच गए। यही हाल 18 से 29 आयु के पुरुष वर्ग में देखा गया। वर्ष 2014 में इस वर्ग के 27,343 पुरुषों ने आत्महत्या की थी जो 2021 में 37,941 तक पहुंच गया। वर्ष 2014 में 30 से 45 आयु वर्ग के 30,659 पुरुषों ने आत्महत्या की थी। इस वर्ग के 40,415 लोगों ने 2021 में खुदकुशी की।