विश्व अंगदान दिवस : मुंबई के 3408 मरीजों को जरूरत, कम हो रहे हैं किडनी दानदाता

  • मुंबई के 3408 मरीजों को जरूरत है किडनी की
  • कम हो रहे हैं किडनी दानदाता
  • 42 % की गिरावट दिखी तीन साल में अंगदाताओं में

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-13 09:36 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। मुंबई सहित राज्य में हजारों जरूरतमंद लोग अंगदान पाने की प्रतीक्षा में हैं। इनमें किडनी के लिए मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। वेटिंग की सूची अधिक होने के बाद भी अंगदाताओं की संख्या में इजाफा नहीं दिख रहा है। मुंबई में बीते तीन वर्षों में किडनी दान के मामले में 42 फीसदी की गिरावट देखी गई है। हालांकि इस वर्ष इसमें इजाफा होने की बात कही जा रही है। विभागीय सह राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (रोटो-सोटो) के मुताबिक, राज्य में 5832 मरीज किडनी के लिए प्रतीक्षा में हैं, जिसमें मुंबई के 3408 मरीज शामिल हैं। राज्य स्तर पर इसे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हर वर्ष देश में 5,00,000 से अधिक लोगों को अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है। लेकिन इस मांग का लगभग पांच फीसदी ही पूरा हो पाता है। 13 अगस्त विश्व अंगदान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अंगदान के लिए जनजागृति की जा रही

रोटो-सोटो पश्चिम विभाग की निदेशक डॉ. सुजाता पटवर्द्धन ने बताया कि राज्य में अंगदान को लेकर जनजागृति की जा रही है। लोग अंगदान को लेकर शपथ पत्र भी भरते हैं, लेकिन जब अंगदान करने का वक्त आता है, तो व्यक्ति खुद उस अवस्था में नहीं रहता है। उसके परिवार के लोग उसके शपथ पत्र या उसकी अंतिम इच्छा से अनजान होते हैं।

अब लोगों में जागरूकता बढ़ रही है

मुंबई में अंगदान के प्रति जागरूकता तो बढ़ रही है, लेकिन अब भी अंगदान करनेवालों की संख्या जरूरत से बहुत कम है। जोनल ट्रांस्प्लांट कॉड्रिनेशन कमेटी (जेडटीसीसी) के सचिव डॉ. भरत शाह ने बताया कि जितनी वेटिंग लिस्ट है, उतने अंगदान नहीं हो पा रहे हैं। हालांकि पहले की तुलना में अब लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। कई लोग अब अंगदान करने को लेकर प्रतिज्ञा भी ले रहे हैं।

इतने लोग कर रहे प्रतीक्षा

अंग प्रदेश मुंबई

किडनी : 5832 3408

लिवर : 1284 530

हृदय : 108 61

फेफड़े : 48 26

पैंक्रियास : 35 14

स्मॉल बाउल : 3 2

हैंड ट्रांसप्लांट : 0 5

डॉ. सुजाता पटवर्द्धन, निदेशक- रोटो-सोटो (पश्चिम विभाग) के मुताबिक अंगदान के लिए शपथ पत्र भरते समय हम लोगों से अपील करते हैं कि वे अपने परिवार को आखिरी इच्छा से अवगत कराएं, ताकि भविष्य में उनके अंगों को दान कर वे दूसरे के जीवन को बचा सकें।

डॉ. भरत शाह, सचिव- जोनल ट्रांस्प्लांट कॉड्रिनेशन कमेटी के मुताबिक आनेवाले समय में सकारात्मक असर जरूर दिखेगा। यदि सभी लोग इस महादान के लिए आगे आएं, तो वेटिंग लिस्ट की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

मुंबई में किडनी दानदाता

2018 : 73 ने किडनी डोनेट की।

2019 : 121 तक पहुंची संख्या।

2020 : 45 लोग ही आगे आए।

2021 : 50 ने दान की।

2022 : 70 तक पहुंची संख्या।

2023 जुलाई तक : 44 दाताओं ने किडनी डोनेट की।

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