कार्य को गति: बुलेट ट्रेन के बीकेसी में बनने वाले स्टेशन का शुरू हुआ काम, ठेकेदार को सौंपी जमीन

  • ठेकेदार को सौंपी गई 4.8 एकड़ जमीन
  • विद्युतीकरण के लिए भी समझौता
  • 114 मीटर नीचे तक निर्माण

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-08 16:08 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बुलेट ट्रेन के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में बनने वाले स्टेशन के लिए ठेकेदार को 4.8 एकड़ जमीन सौंप दी गई है। नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने गुरूवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक बॉटम-अप तकनीक के इस्तेमाल से यह स्टेशन तैयार किया जा रहा है यानी पहले जमीन की 32 मीटर गहरी खुदाई की जाएगी और फिर नींव से कांक्रीट का काम शुरू होगा। स्टेशन के लिए खुदाई का काम शुरू किया जा चुका है और अब तक 1.5 लाख घनमीटर मिट्टी खोदकर हटाई जा चुकी है। 681 मजदूर और पर्यवेक्षक साइट पर दिन रात काम कर रहे हैं जिनकी संख्या जरूरत के मुताबिक 6 हजार तक की जा सकती है। गहरी खुदाई के दौरान मिट्टी ढहने से रोकने के लिए ग्राउंड सपोर्ट सिस्टम बनाया जा रहा है। सपोर्ट सिस्टम संरचना में 3382 सेकेंट पाइल्स का निर्माण किया जा रहा है जिनकी गहराई 17 से 21 मीटर तक है। अधिकारियों के मुताबिक बुलेट ट्रेन के लिए समुद्र के नीचे बिछाई जा रही सात किलोमीटर लंबी देश की पहली सुरंग का काम भी तेजी से हो रहा है। बीकेसी से सिलफाटा तक का 21 किलोमीटर का रास्ता भूमिगत होगा।

114 मीटर नीचे तक निर्माण

बुलेट ट्रेन के लिए बनाई जाने वाली सुरंगे 25 से 57 मीटर तक गहरी होगी। सबसे गहरा निर्माण बिंदु शिलफाटा के पास पारसिक पहाड़ी से 114 मीटर नीचे होगा। बुलेट ट्रेन की दोनों लाइनों के लिए एक ही ट्यूब बनाया जाएगा। सुरंग से सटे 37 स्थानों पर 39 उपकरण कक्ष भी बनाए जाएंगे।

जारी हैं दूसरे भी काम

मुंबई एचएसआर स्टेशन पर शाफ्ट के लिए खुदाई का काम जारी, 36 मीटर गहरा तैयार हो रहा शाफ्ट।

विक्रोली में शाफ्ट के लिए पाइलिंग का काम पूरा, खुदाई का काम जारी, शाफ्ट की मदद से दो सुरंग बोरिंग मशीनों को बीकेसी और घनसोली की ओर ले जाया जाएगा।

सावली में शाफ्ट की खुदाई का काम जारी।

शिलफाटा जहां एनएटीएम छोर है वहां साइट पर पोर्टल का काम शुरू हुआ।

भूमिगत और समुद्र के नीचे सुरंग तक पहुंचने की सुविधा के लिए एडीआईटी पोर्टल का निर्माण प्रगति पर।

कुछ चुनौतियां आ रही सामने

शाफ्ट के निर्माण के दौरान ध्वनि और वायु प्रदूषण के रोकथाम के लिए कदम उठाने के साथ नियंत्रित ब्लास्ट ही किया जा रहा है जिससे आसपास की आबादी को होने वाली परेशानी और पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचा जा सके। ज्यादा आबादी वाले इलाकों में पाइपलाइन, विद्युत वाहिनी, राजमार्ग, मेट्रो आदि का ध्यान रखकर ही काम करने की कोशिश हो रही है। उत्खनन सामग्री का महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों के तहत निपटान किया जा रहा है। श्रमिक कालोनी, साइट कार्यालय आदि का भी निर्माण किया जा रहा।

विद्युतीकरण के लिए भी समझौता

मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना के विद्युतीकरण के लिए मेसर्स सोजित्ज और एल एंड टी कंसोर्टियम के साथ समझौता किया गया है जिसके तहत इन कंपनियों को 320 किलो मीटर प्रतिघंटे की गति के लिए उपयुक्त 2x25 केवी विद्युतीकरण प्रणालियों के डिजाइन, निर्माण, आपूर्ति, निर्माण, स्थापना, परीक्षण और कमिशनिंग की जिम्मेदारी इन कंपनियों की होगी।

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