रियायतों की बौछार: अर्ध सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को भी मिलेगा प्रसूति अवकाश
- राज्य की चौथी महिला नीति में मिल सकती हैं कई रियायतें
- सीएम की अध्यक्षता में बनेगी समिति
- वरिष्ठ महिलाओं के लिए एसटी से मुफ्त यात्रा
डिजिटल डेस्क, मुंबई, दुष्यंत मिश्र । राज्य के अर्ध सरकारी और निजी कंपनियों में काम करने वाली महिलाओं को भी जल्द ही प्रसूति अवकाश का अधिकार मिल सकता है। महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए महिला एवं बालविकास मंत्री आदिती तटकरे की अगुआई में नई महिला नीति तैयार की गई है। जिसमें प्रसूति अवकाश के साथ महिलाओं को दूसरे तरीकों से भी राहत दिया जाएगा। महिलाओं के साथ पिता बनने वाले पुरुषों के लिए भी छुट्टी का प्रयास किया जाएगा। फिलहाल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास भेजी गई है। उनकी मंजूरी मिलने के बाद इसे अगले सप्ताह होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में पेश किया जा सकता है।
महिला सशक्तिकरण के मामले में राज्य सरकार फिलहाल केंद्र सरकार से भी एक कदम आगे बढ़ती दिख रही है। केंद्र सरकार ने अब तक दूसरी महिला नीति जारी नहीं की है जबकि महाराष्ट्र सरकार अब तक तीन महिला नीति जारी कर चुकी है और यह चौथी महिला नीति होगी।
अमल पर जोर, सीएम की अध्यक्षता में बनेगी समिति
अधिकारी ने बताया कि अब तक महिला नीति में बनाई गई योजनाओं पर पूरी तरह से अमल नहीं हो पाता। नीति पर सही तरीके से अमल हो रहा है या नहीं इसकी समिक्षा के लिए एक समिति स्थापित की जाएगी जो हर महीने सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। नीतियां लागू करने के लिए अल्प, मध्यम और दीर्घकालीन रणनीति तैयार की गई है। नीति पर अमल का मूल्यांकन करने वाली समिति में मुख्यमंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री के साथ पालकमंत्री भी शामिल होंगे।
वरिष्ठ महिलाओं के लिए एसटी से मुफ्त यात्रा, हर 25 किलोमीटर पर शौचालय
जो नीति तैयार की गई है उसमें वरिष्ठ महिलाओं को लिए राज्य परिवहन (एसटी) की बसों में मुफ्त यात्रा का भी प्रावधान होगा। इसके अलावा यात्रा करने वाली महिलाओं के लिए पर्याप्त शौचालय नहीं है इसलिए हर 25 किलोमीटर पर महिला और पुरुषों के लिए शौचालय बनाने के निर्देश संबंधित विभागों और रास्ते बनाने वाली कंपनियों को दिए जाएंगे। इसके अलावा पालनाघर योजना पर प्रभावी अमल, महिला अत्याचारों से निपटने के लिए फास्टट्रैक कोर्ट की स्थापना का भी प्रावधान किया जाएगा।
रियायतों की बौछार
नई महिला नीति में महिलाओं के लिए रियायतों की बौछार हो सकती है। जीएसटी, स्टांप ड्यूटी में रियायत, व्यावसायिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट, व्यावसायिक महिला वाहन चालकों को बीमे की किश्त में छूट, महिलाओं द्वारा चलाए जाने वाले होटल को स्थानीय कर में राहत देने की भी कोशिश की जाएगी।