तकनीक का इस्तेमाल: बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में 14 जगह लगाए जाएंगे हवा का वेग मापने वाले यंत्र

  • महाराष्ट्र में 5 और गुजरात में 9 स्थलों पर लगेंगे उपकरण
  • वायु की गति 72 से 130 किमी प्रति घंटा हुई तो थम जाएंगे बुलेट ट्रेन के पहिए

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-26 15:13 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत मुंबई-अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड कॉरिडोर बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है। दोनों शहरों के बीच 504 किलोमीटर (किमी) लंबा यह मार्ग समुद्र, पहाड़, सुरंग और पहाड़ियों के बीच से गुजरेगा। सुरक्षित परिचालन के लिए इस मार्ग पर 14 जगह हवा के वेग की निगरानी करनेवाले उपकरण लगाए जाएंगे। इनमें से 5 यंत्र महाराष्ट्र और 9 यंत्र गुजरात में कॉरिडोर के वायाडक्ट के आसपास लगेंगे।

इन यंत्रों की मदद से पूरे मार्ग में हवा के वेग की जानकारी मिलेगी। वायु की गति 72 से 130 किमी प्रति घंटा हुई तो बुलेट ट्रेन के पहिए थम जाएंगे। नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लि. (एनएचएसआरसीएल) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा पहाड़ी क्षेत्र में है। पहाड़ी क्षेत्र में हवा की गति तेज होती है। इससे बुलेट ट्रेन का परिचालन प्रभावित हो सकता है। वायु वेग मापी यंत्र को एनीमोमीटर कहते हैं।

क्या है एनीमोमीटर

एनीमोमीटर एक आपदा निवारण प्रणाली है। यह प्रणाली वातावरण में चौतरफा (360 डिग्री) हवा के वेग के आंकड़े संकलित करती है। यह प्रणाली 0 से 252 किमी प्रति घंटा हवा की गति के विश्लेषण के लिए डिजाइन की गई है। बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर विभिन्न स्थानों पर लगाए गए एनीमोमीटर के माध्यम से हवा की गति की निगरानी करेगा।

यहां लगाए जाएंगे यंत्र

महाराष्ट्र: देसाई खाड़ी, उल्हास नदी, बंगला पाडा, वैतरणा नदी, डहाणु नगर

गुजरात: दमण गंगा नदी, नवसारी उपनगर, तापी नदी, नर्मदा नदी, भरुच, वडोदरा मध्य भाग, माही नदी, बरेजा और साबरमती नदी आदि।

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