हाईकोर्ट: सभी काम क्या हमारे कहने पर ही करेंगे? गगनचुंबी इमारतों में अग्नि सुरक्षा को लेकर अदालत का सवाल
- अदालत ने राज्य सरकार को दिया 48 घंटे का अल्टिमेटम
- 8 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शहर में गगनचुंबी इमारतों में अग्नि सुरक्षा को लेकर किये गए इंतजामों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया था। जिसने दस महीने पहले फरवरी 2023 में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है, लेकिन सरकार की ओर से उस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। इस संदर्भ में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से संतप्त सवाल किया है कि क्या सभी काम हमारे (अदालत) कहने पर ही होंगे। अदालत ने शहर विकास विभाग के प्रधान सचिव को शुक्रवार को यह बताने का निर्देश दिया है कि इस मामले में कदम उठाने में और कितना समय लगेगा? मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने बुधवार को अधिवक्ता आभा सिंह और अधिवक्ता आदित्य प्रताप सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि यह मुद्दा बहुत ज्यादा गंभीर है। इसलिए इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अधिवक्ता आभा सिंह ने अदालत को बताया कि हाल ही में दक्षिण मुंबई की एक चार मंजिला इमारत में आग लगने की घटना में 82 वर्षीय एक महिला और उसके 60 वर्षीय बेटे की जान चली गई।
शहर की इमारतों में आए दिन आग लगने की वारदातें हो रही हैं। जिस पर खंडपीठ ने सरकार से सवाल किया कि ये दो मौतें जिस तरह से हुई हैं, क्या आप इस शहर के लोगों के लिए यही चाहते हैं कि परिवार अपने प्रियजनों को खोते रहें? इस पर अतिरिक्त सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने अदालत को बताया कि पिछले साल गठित विशेषज्ञ समिति ने सरकार को फरवरी 2023 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट को विचार के लिए राज्य के शहरी विकास विभाग के पास भेजा गया है और विकास नियंत्रण एवं संवर्धन नियंत्रण (डीसीपीआर) 2034 में संशोधन के लिए कदम उठाए जाएंगे।