बॉलीवुड तड़का: फिल्म फतेह से बतौर निर्देशक करेंगे डेब्यू, जानिए - सोनू सूद ने कामयाब इंसान की पहचान क्या बताई

  • दैनिक भास्कर से साथ सोनू सूद की खास बातचीत
  • कामयाब इंसान की बताई पहचान
  • किसी की जिंदगी बदल सकते हैं तो आप सबसे कामयाब इंसान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-11 11:10 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, नीतू सिंह|  सोनू सूद अपने दमदार अभिनय के लिए तो लोकप्रिय हैं ही, असल जिंदगी में भी वह हीरो हैं। वह हर जरूरतमंद की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। कोरोना काल में उन्होंने गरीबों की सहायता की जो शुरुआत की थी, उस नेक काम को आज तक जारी रखा है। अब सोनू की फिल्म "फतेह' आ रही है। इससे वह बतौर निर्देशक भी डेब्यू करने जा रहे हैं। उन्होंने अपनी नई फिल्म और जनता से जुड़े सरोकारों पर दैनिक भास्कर से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। 


रील से रियल हीरो बनने का सफर कैसा रहा?

ऊपर वाले ने मार्गदर्शन किया और मैं लोगों से जुड़ पाया। दुआओं में बड़ी ताकत होती है। कोविड से जो अभियान शुरू किया था वह आज विशाल रूप ले चुका है। मैं पढ़ाई, नौकरी, इलाज की हर संभव मदद देने की कोशिश करता रहता हूं। आगे भी इसी तरह लोगों की मदद करता रहूंगा।

सिस्टम के खिलाफ आप हमेशा आवाज उठाते हैं। डर नहीं लगता?

आज का सिस्टम अच्छा काम कर रहा है लेकिन जब भी मुझे कोई कमियां या गलतियां लगती हैं तो मेरा आवाज उठाना जरूरी हो जाता है। मेरी कोशिश होती है कि सिस्टम के खिलाफ सिर्फ आवाज न उठाकर मैं उसे ठीक करने की भी कोशिश करूं। देश के भले के लिए लोग आते रहे हैं। लोग आखिर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे तो विकास होगा।

शिक्षा व्यवस्था पर आपने काम किया है। क्या बदलाव होने चाहिए?

मैं शिक्षा पर इसलिए काम कर पाया क्योंकि मेरी मां एक प्रोफेसर थीं। उनका कहना था कि अगर आप किसी को शिक्षित करते हैं तो आने वाली पीढ़ियां बेहतर बनती हैं। इसलिए मैं आगे भी शिक्षा के लिए बढ़-चढ़कर काम करता रहूंगा।

आप छोटे रोजगार को हमेशा बढ़ावा देते हैं। इसके पीछे क्या वजह है?

मैं अपने प्लेटफार्म पर जब छोटे रोजगार को बढ़ावा देता हूं तो उन्हें एक पुश मिलता है। उनके रोजगार में मुनाफा मिलता है। बड़े रोजगार को तो सभी प्रमोट करते हैं लेकिन इन छोटा रोजगार चलाने वालों को मेरे प्रयास से एक हिम्मत मिलती है कि उनके साथ भी कोई खड़ा है।


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फिल्मों और समाज सेवा में तालमेल कैसे बनाते हैं?

यह ज्यादा मुश्किल काम नहीं है। समय निकालना पड़ता है। हमेशा व्यस्त ही रहता हूं लेकिन मेरी आदत है कि जब भी किसी को मेरी जरूरत हो तो मुझे सारे काम छोड़कर उनके लिए उपलब्ध रहना ही पड़ता है। मैं शूटिंग के दौरान भी समाज सेवा से जुड़ा अपना काम करता रहता हूं।

आप ‘फतेह’ से बतौर निर्देशक डेब्यू कर रहे हैं। उसके बारे में कुछ बताइए।

फतेह का मैं अभिनेता, निर्देशक, निर्माता और लेखक सब हूं। इस फिल्म की स्टोरी के लिए मैंने डेढ़ साल की रिसर्चकी है। उसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक्शन डायरेक्टर लेकर आए। बेहतरीन फिल्म बनाने के लिए निर्माण पर काफी मेहनत की है

‘फतेह’ की कहानी क्या है?

फतेह आम जनता की कहानी है कि कैसे लोग साइबर क्राइम से रोज पीड़ित होते हैं। मैं हमेशा से यह कहानी बताना चाहता था। फतेह मेरी नहीं आम लोगों की कहानी है। जब लोग यह फिल्म देखेंगे तो उन्हें समझ आएगा कि कि कैसे एक फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है। मैंने यह कहानी लिखने में ढाई साल का समय लगाया। तकनीक हॉलीवुड की है। फिल्म देखकर महसूस होगा कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर की फिल्म है।

मदर्स डे करीब है। कुछ कहना चाहेंगे?

मेरे लिए हर दिन मदर्स डे है, क्योंकि मैं 365 दिन अपनी मां के नक्शेकदम पर चलते हुए बच्चों की शिक्षा के लिए काम करता हूं। यह उनकी दुआओं का ही असर है। मैंने अपनी मां और प्रोफेसर सरोज सूद के नाम पर देशभर में कई तरह के स्कालरशिप शुरू किया है। मैं हर रोज प्रार्थना करता रहता हूं कि मुझे वह ऊपर से ऐसे ही आशीर्वाद देती रहें और मैं हमेशा उनकी प्रेरणा से काम करता रहूं।


इस बार नई सरकार से क्या उम्मीद है?

नई सरकारें आती और जाती रहेंगी। मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि खुद के लिए तो बहुत जी लिया, दूसरों के लिए भी अब समय निकालना चाहिए। शायद कोई न कोई आपके फोन कॉल का इंतजार कर रहा होगा जो उनकी जिंदगी बदल सकता है। अगर आप किसी की जिंदगी बदल सकते हैं तो आप दुनिया के सबसे कामयाब इंसान हैं।

कोविड के बाद फिल्म इंडस्ट्री में क्या बदलाव देखते हैं ?

कोविड के बाद बहुत कुछ बदल गया है। दर्शक अब गिनी चुनी फिल्में देखते हैं। इसलिए फिल्म वालों पर अब अच्छी फिल्में बनाने का दबाव बढ़ गया है। आप आज यह उम्मीद नहीं कर सकते कि आपकी एवरेज फिल्म हिट हो जाए। आपको अच्छा ही काम करना पड़ेगा तभी लोगों को फिल्में पसंद आएंगी।


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