कांग्रेस की मांग: मंत्री पद से कब देंगे इस्तीफा देंगे संदिपान भुमरे! संभाजीनगर में फिर से चुनाव की मांग की

  • कांग्रेस ने संभाजीनगर में फिर से चुनाव की मांग की
  • जानिए क्या कहता है नियम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-23 15:37 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. शिवसेना (शिंदे) के नवनिर्वाचित सांसद और राज्य सरकार में मंत्री संदिपान भुमरे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सांसद निर्वाचित होने के बाद भुमरे ने विधायक पद से तो इस्तीफा दे दिया है लेकिन भुमरे ने मंत्री पद अभी तक नहीं छोड़ा है। ऐसे में अब भुमरे विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने भुमरे पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने भले ही विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है लेकिन अभी तक मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी नवनिर्वाचित सांसद को लोकसभा या चुनाव आयोग द्वारा नोटिफिकेशन जारी करने के 14 दिनों के अंदर विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ता है, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है। वर्षा ने कहा कि भुमरे ने नियमों का पालन नहीं किया है, इसलिए छत्रपति संभाजीनगर में फिर से चुनाव होना चाहिए। वर्षा ने कहा कि आगामी लोकसभा सत्र में इसको लेकर वह आवाज उठाएंगी।

क्या कहता है नियम?

सचिवालय का नियम यह कहता है कि विधानसभा या लोकसभा का सदस्य न होते हुए भी कोई भी मंत्री बन सकता है। इसके लिए उस सदस्य को उस सदन का चुनाव लड़कर चुनकर आना होता है। अगर कोई इसमें विफल होता है तो फिर उसे मंत्री पद छोड़ना पड़ता है। संदीपान भुमरे के मामले में दलील दी जा रही हैं कि भुमरे के विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद भी वह अगले छह महीने तक मंत्री रह सकते हैं। लेकिन राज्य में अगले चार महीने में ही चुनाव होने हैं, लिहाजा वह सरकार के आखिरी समय तक मंत्री बने रह सकते हैं।

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