नाराजगी की चर्चा: कैबिनेट की बैठक में नहीं पहुंचे तो सीएम शिंदे बोले बीमार हैं अजित
- सीएम शिंदे बोले बीमार हैं अजित
- कैबिनेट की बैठक में नहीं पहुंचे
- अजित पवार की नाराजगी की चर्चाओं के बीच फिर दिल्ली दरबार में पहुंचे शिंदे और फडणवीस
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य की शिंदे-फडणवीस-अजित सरकार में लगता है सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नहीं पहुंचने पर चर्चाओं को उस समय और बल मिल गया। हालांकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अजित पवार के बैठक में शामिल नहीं होने की वजह बीमारी बताई है। सूत्रों का कहना है कि अजित पवार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से नाराज बताए जा रहे हैं। नाराजगी के पीछे की वजह राज्य के तीन जिलों सातारा, पुणे और रायगड के पालकमंत्री बताई जा रही है। इसी को लेकर राकांपा (अजित) के मंत्रियों ने मंगलवार सुबह कैबिनेट की बैठक से पहले उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात भी की। शाम होते होते मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस दिल्ली पहुंच गए जहां उन्होंने राज्य सरकार में चल रही रस्साकशी को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
कैबिनेट की बैठक में अजित पवार उपस्थित नहीं हुए तो राजनीतिक गलियारों में उनके नाराज होने की चर्चाएं फिर से गर्म हो गई। यह पहली बार नहीं हुआ कि अजित पवार की नाराजगी की खबरें सामने आई हैं। जब अजित पवार मुख्यमंत्री के निवास स्थान पर गणपति के दर्शन करने के लिए नहीं पहुंचे थे तो उस समय भी उनकी नाराजगी की खबरें आईं थी। हालांकि 3 दिन पहले अजित पवार मुख्यमंत्री शिंदे के आवास पर बैठक में उपस्थित हुए थे जिसमें उपमुख्यमंत्री फडणवीस भी शामिल हुए थे।
तीन जिलों के पालकमंत्री का अटका हुआ है मामला
सूत्रों का कहना है कि अजित पवार की नाराजगी की वजह राज्य के तीन जिलों पुणे, सातारा और रायगड के पालकमंत्रियों की नियुक्ति बताई जा रही है। राकांपा (अजित) के एक वरिष्ठ नेता ने दैनिक भास्कर को बताया कि उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस इन तीनों जिलों के पालकमंत्री अजित गुट को देने को तैयार हैं लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रोड़ा अटकाया हुआ है। दरअसल शिंदे सातारा के पालकमंत्री को अजित गुट को इसलिए नहीं देना चाहते क्योंकि शिंदे का गृह जिला खुद सातारा है। जबकि रायगड के पालकमंत्री को लेकर शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावले मुख्यमंत्री शिंदे को अल्टीमेटम दे चुके हैं कि रायगड का पालकमंत्री भले ही भाजपा के कोटे में चला जाए लेकिन अजित गुट को नहीं मिलना चाहिए।
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने अजित पवार के बैठक में शामिल नहीं होने पर पूर्ण विराम लगाते हुए कहा कि अजित पवार की तबीयत ठीक नहीं थी, जिसके चलते वह कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए। शिंदे ने कहा कि मीडिया को इसका कोई दूसरा अर्थ निकालने की जरूरत नहीं है। लेकिन मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस के एकाएक दिल्ली दौरे से साफ हो गया है कि राज्य सरकार के तीनों दलों में कुछ अनबन जरूर है।