खास बात: नार्वेकर के फैसले पर क्या सोचती है जनता, चुनाव में नकली मालिकों को घर बैठाएंगे
- उद्धव ठाकरे और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर आमने-सामने
- एक दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए
- बच्चा-बच्चा बता देगा शिवसेना के मालिक उद्धव ठाकरे
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा। शिवसेना (शिंदे) विधायकों की अयोग्यता के फैसले को लेकर मंगलवार को शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर आमने-सामने दिखे। दोनों ने ही एक दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले को लेकर राज्य की जनता क्या सोचती है, इसको लेकर "दैनिक भास्कर" ने उद्धव ठाकरे द्वारा आयोजित "जनता की अदालत" कार्यक्रम में आए लोगों की राय जाननी चाही।
मुंबई के मोहम्मद अली रोड में रहने वाले मोहम्मद शकील कुरैशी का मानना है कि महाराष्ट्र में रहने वाले अगर किसी भी जन बच्चा से यह पूछा जाए की शिवसेना किसकी पार्टी है तो, बच्चा-बच्चा यह बता देगा कि शिवसेना के मालिक उद्धव ठाकरे हैं। लेकिन नार्वेकर और चुनाव आयोग यह फैसला नहीं कर पाया कि शिवसेना का असली मालिक कौन है। कुरैशी का मानना है कि राहुल नार्वेकर को हमने वोट देकर विधानसभा पहुंचाया था ताकि वह सच की आवाज जिंदा रखें। लेकिन उन्होंने जनता से चोरी कर फैसला उसी शिवसेना के खिलाफ दे दिया जिस पार्टी में वह कभी एक कार्यकर्ता के तौर पर थे।
घाटकोपर से आईं शालिनी देशपांडे ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने दबाव में रहकर यह फैसला सुनाया है। शालिनी ने कहा कि अगर राहुल नार्वेकर सच का साथ देते तो फिर उनकी दुकानदारी खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि यहां तक की खुद नार्वेकर को भी मालूम है कि शिवसेना का असली मालिक कौन है।
एक अन्य महिला कविता फर्नांडीस ने कहा कि जिस फैसले को सुनाने में नार्वेकर ने 6 महीने से ज्यादा का समय लिया, वह सोच समझकर किया गया फैसला है। फर्नांडीस ने कहा कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता अपना फैसला सुनाकर शिवसेना के नकली मालिकों को घर बैठाने का काम करेगी।