खास खबर: एक स्टेशन एक उत्पाद में पश्चिम रेलवे अव्वल, बढ़ रही कमाई
- अचार-पापड़, मसाला जैसे उत्पादों की ज्यादा मांग
- विक्रेताओं को हो रहा सीधा लाभ
- मुंबई-सूरत के बीच 13 स्टेशनों पर खुली हैं 28 दुकानें, 2.46 करोड़ की बिक्री
- मध्य रेलवे के जोन में 79 स्टॉल, 2.46 करोड़ रुपए के सामान की बिक्री
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुजीत गुप्ता। स्वदेशी उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रेल मंत्रालय ने एक स्टेशन एक उत्पाद (वन स्टेशन वन प्रोडक्ट) योजना शुरू की है। इसके तहत स्टेशनों पर समाज के पिछड़े तबके के समूहों को स्टॉल (दुकान) दिए जाते हैं ताकि वे आर्थिक रूप से सबल हो सकें। मुंबई में इस योजना को अच्छा समर्थन मिला है। इस योजना से जहां समाज के पिछड़े तबके को लाभ हो रहा है, वहीं रेलवे को किराए के रूप में कमाई हो रही है। पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल (चर्चगेट से सूरत) के 13 स्टेशनों पर 28 दुकानें खुली हैं। इन दुकानों पर इस साल 30 नवंबर तक 1.75 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिक्री हुई है। वहीं, मध्य रेलवे के मुंबई जोन (भुसावल, नागपुर, सोलापुर, पुणे डिवीजन) के 71 स्टेशनों पर 79 स्टॉल खुले हैं। इन दुकानों पर 21 नवंबर तक 2.46 करोड़ रुपए की बिक्री हुई है। प्रत्येक स्टॉल संचालक से रेलवे 15 दिन के लिए 1000 रुपए किराया लेती है।
57 स्टेशनों पर खुलेंगे स्टॉल
पश्चिम रेलवे ने 57 स्टेशनों पर आउटलेट्स की संख्या 59 करने की योजना बनाई है। यह योजना 25 मार्च, 2022 को शुरू की गई थी। साल 2022 में इन स्टॉलों से पश्चिम रेलवे को 8.19 लाख रुपए का राजस्व मिला था।
इन उत्पादों की ज्यादा मांग
एक स्टेशन एक उत्पाद वाले स्टॉलों पर सबसे अधिक मांग चमड़े के उत्पाद, धूप-अगरबत्ती, खादी कपड़े, फल, घर पर बनाए गए मसालों की है। चर्चगेट, बोरीवली स्टेशन पर सबसे अधिक चमड़े के उत्पाद बेचे गए।
दत्तू कांबले, चमड़ा उत्पाद विक्रेता, चर्चगेट स्टेशन के मुताबिक पहले हम घर पर उत्पाद बनाते थे और थोक में बेचते थे। पहले एक उत्पाद पर हमें 20-30 रुपए मुनाफा होता था। लेकिन अब "एक स्टेशन एक उत्पाद' से हमारी आय बढ़ गई है। इससे हमारी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
सुषमा ढोनडकर, मसाला बिक्रेता, मुंबई सेंट्रल स्टेशन के मुताबिक हमें मुंबई सेंट्रल, दादर, बांद्रा, खार जैसे स्टेशनों पर दुकान खोलने का मौका मिला है। हम घर में बने लड्डू, अचार, मसाला, पापड़ बेचते हैं। ग्राहकों से संपर्क का फायदा भी मिल रहा है। तीन महीने के लिए स्टॉल मिलना चाहिए।
प्रणाली चौगुले, घरेलू उत्पाद बिक्रेता, बांद्रा टर्मिनस के मुताबिक पहले हम व्हाट्सए पर घरेलू उत्पादों की तस्वीर डालकर बेचते थे। अब तस्वीर बदल गई है। ग्राहक हमारे उत्पादों को परख कर खरीद रहे हैं। हमें ऑनलाइन ऑर्डर मिल रहे हैं। रेलवे की इस योजना से हम आत्मनिर्भर बन रहे हैं।