बॉम्बे हाईकोर्ट: देवनार में मुस्लिम समाज के लिए तीन कब्रिस्तान को लेकर रास्ता हुआ साफ
- बीएमसी ट्रांजिट कैंप और ओसवाल एग्रो मिल्स लिमिटेड (पूर्व में यूनियन कार्बाइड) की प्राइवेट जमीन
- इसके अलावा रफीक नगर में तीसरे कब्रिस्तान के लिए बीएमसी शिवाजी नगर बस डिपो के पास की देगी भूमि
- बीएमसी आयुक्त ने बॉम्बे हाई कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देवनार में मुस्लिम समाज के लिए तीन कब्रिस्तान को लेकर रास्ता साफ हो गया है। मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त भूषण गगरानी ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया, जिसमें कहा गया है कि देवनार कब्रिस्तान के लिए ट्रांजिट कैंप की जमीन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम से सटी ओसवाल एग्रो मिल्स लिमिटेड (पूर्व में यूनियन कार्बाइड) की जमीन के अलावा रफीक नगर में शिवाजी नगर बस डिपो के पास के प्लाट को तीसरे कब्रिस्तान के लिए दे सकता है। अदालत ने निश्चित समय सीमा के अंदर तीनों कब्रिस्तान को मुस्लिम समाज को सौंपने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ के समक्ष गोवंडी निवासी अब्दुल रहमान शाह, वकील शमशेर अहमद खान और वकील अल्ताफ खान की दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई हुई। इस दौरान बीएमसी ने हलफनामा दाखिल अदालत को बताया कि देवनार कब्रिस्तान के लिए ट्रांजिट कैंप की जमीन को खाली करने का काम चल रहा है।
अनिक गांव में ओसवाल एग्रो मिल्स लिमिटेड (पूर्व में यूनियन कार्बाइड) की प्राइवेट जमीन को 159 करोड़ रुपए में कब्रिस्तान के लिए अधिग्रहण करने बातचीत हो गयी है। पहले इस जमीन के अधिग्रहण 30 फीसदी रकम दिया जाएगा। बाद में पूरी रकम दे कर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसी तरह बीएमसी ने विकास योजना विभाग और स्वास्थ्य विभाग को रफी नगर कब्रिस्तान के शिवाजी नगर बस डिपो के पास स्थित भूमि के एक भूखंड की जांच करने के निर्देश दिया है। यह मौजूदा रफी नगर कब्रिस्तान से डेढ़ किमी की दूरी पर है।
यह भूखंड परिवहन गैरेज, एसडब्ल्यूएम सुविधाओं और गार्डन (पार्क) के लिए आरक्षित है। बीएमसी द्वारा डीसीपीआर 2034 के विनियमन 13 (6) के प्रावधानों के अनुसार कब्रिस्तान के लिए आवश्यक आरक्षण को आपस में बदला जा सकता है। पीठ ने राज्य सरकार और बीएमसी को निश्चित समय के अंदर मुस्लिम समाज को कब्रिस्तान सौंपने का निर्देश दिया है।