बड़ा लक्ष्य: स्वेज नहर की तर्ज पर बनेगा आंध्र प्रदेश-तेलंगाना-महाराष्ट्र के बीच जल मार्ग

  • इस रूट से परिवहन खर्च में आएगी 10 गुना कमी
  • निजी कंपनी की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा एमएमबी
  • आंध्र प्रदेश-तेलंगाना-महाराष्ट्र के बीच जल मार्ग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-31 00:30 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह "कौशिक'। विश्व व्यापार में मील का पत्थर साबित हो चुकी स्वेज नहर की तर्ज पर देश के तीन राज्यों की नदियों और समुद्र को जोड़ कर जल मार्ग तैयार करने की योजना बनाई जा रही है। योजना के तहत महाराष्ट्र के गडचिरोली को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा पोर्ट से जोड़ा जा सकेगा। प्रस्तावित 550 किमी लंबे नहर रूट से परिवहन खर्च में करीब 10 गुना कमी आएगी। फिलहाल यह परियोजना प्रारंभिक चरण में है। इसको लेकर एक निजी कंपनी ने रिपोर्ट तैयार की है। महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है।

आईडब्लूएआई से किया संपर्क

जलमार्ग बनाने के लिए विदर्भ-तेलंगाना की नदियां आंध्र प्रदेश के काकीनाडा बंदरगाह से जोड़ी जाएंगी। राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दैनिक भास्कर को बताया कि एमएमबी को रिपोर्ट के अध्ययन की जिम्मेदारी दी गई है। इस संबंध में केंद्र सरकार के इनलैंड वॉटर अथारिटी ऑफ इंडिया (आईडब्लूएआई) से भी संपर्क किया गया है। आईडब्लूएआई इस परियोजना को लेकर तीनों राज्यों के बीच समन्वय का कार्य करेगा।

पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, होगा लाभ

अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना से माल ढुलाई के अलावा पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह जलमार्ग गडचिरोली के चामोर्सी से शुरू होकर काकीनाडा बंदरगाह से जुड़ेगा। इसको लेकर पिछले सप्ताह सहयाद्री सरकारी अतिथि गृह में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में बैठक हो चुकी है। उपमुख्यमंत्री फडणवीस का कहना है कि यह परियोजना विदर्भ के लिए लाइफलाइन साबित होगी। इससे विदर्भ के सम्पूर्ण विकास में मदद मिलेगी।

स्वेज नहर की तर्ज पर बनाए जाने वाले इस जल मार्ग से माल ढुलाई होगी

पराग जैन, प्रमुख सचिव, परिवहन विभाग के मुताबिक स्वेज नहर की तर्ज पर बनाए जाने वाले इस जल मार्ग से माल ढुलाई के खर्च में 10 गुना कमी आएगी। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। अभी यह परियोजना प्रारंभिक स्थिति में है। महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड इसको लेकर तैयार रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है।




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