महाराष्ट्र के कई इलाकों में हिंसा, बसों में लगाई आग- अजित पवार बोले दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
- फिर भड़की मराठा आरक्षण की आग
- तेज हुई सियासत
- पवार, उद्धव व चव्हाण पहुंचे जालना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में एक बार फिर मराठा आरक्षण को लेकर राजनीति गरमा गई है। जालना में मराठा आरक्षण के लिए आमरण अनशन पर बैठे लोगों पर हुए लाठीचार्ज और उसके बाद भड़की हिंसा की घटनाओं के बाद विपक्ष ने शिंदे सरकार पर जोरदार हमला बोला है। शनिवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व अशोक चव्हाण जालना पहुंच गए। जहां उद्धव ने सरकार को चेतावनी भी दी। लाठीचार्ज के विरोध में शनिवार को जालना में दिन भर बंद और तनावूर्ण स्थिति बनी रही। वहीं नई मुंबई, वसई,औरंगाबाद, उस्मानाबाद, हिंगोली, परभणी, अहमदनगर, जलगांव सहित राज्य के कई हिस्सों में मराठा समाज के लोगों ने आंदोलन किया। इससे शहर बंद, हिंसा, आगजनी, चक्का जाम, बसों में तोड़फोड़ और पथरावकी घटनाएं होती रही। एसटी महामंडल ने बसों पर पथराव होने के डर से लातूर, अहमदनगर, औरंगाबाद सहित कई डिपो से बसों का संचालन नहीं किया।
इस्तीफा दें गृहमंत्री फडणवीसः वडेट्टीवार
इस बीच विपक्ष राज्य की शिंदे-फडणवीस-अजित सरकार के खिलाफ आक्रामक हो गया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने उपमुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है। शनिवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, भाजपा सांसद छत्रपति उदयनराजे भोसले, पूर्व सांसद छत्रपति संभाजी राजेसहित कई नेताओं ने जालना के अंबड तहसील के अंतरवाली सराटी में मराठा आरक्षण के लिए अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटील से मुलाकात की।इस दौरान नेताओं ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने से घायल हुए लोगों से अंबड अस्पताल में मिले।राकांपा अध्यक्षपवार ने राज्य सरकार से लाठीचार्ज की घटना कीन्यायालयीन जांच करने की मांग। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार को समाधान खोजना चाहिए।जबकि अनशन पर बैठेमनोज ने कहा कि मेरी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलने की इच्छा नहीं है पर भाजपा सांसद छत्रपति उदयनराजे ने मराठा आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बैठक आयोजित करने का आश्वासन दिया है। इसलिए उस बैठक में मेरी ओर से प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। जरांगे ने कहा कि हमारा अनशन जारी रहेगा।
इससे पहले शुक्रवारको अंतरवाली सराटी में पुलिस ने अनशन खत्म कराने की कोशिश की थी। इसके लिए पुलिस ने लाठीचार्ज, हवाई फायरिंग और बल प्रयोग किया था। इससे गुस्साए आंदोलनकारियों ने पथराव किया, जिसमें 50 से अधिक पुलिस कर्मी और कई आंदोलनकारी घायल हो गए थे। लेकिन लाठीचार्ज की घटना के बाद जरांगे के नेतृत्व में एक बार फिर से आंदोलन शुरू हो गया है। लाठीचार्ज की घटना से नाराज आंदोलनकारी मराठा आरक्षण को लेकर अड़े हुए हैं। दूसरी ओर औरंगाबाद के फुलंब्री तहसील के सरंपच मंगेश साबले ने अपनी गाड़ी कोआग के हवाले कर दिया। इससे पहले औरंगाबाद में सुबह के समय क्रांति चौक, हर्सूल टी पाईंट, वालूज में मराठा समाज के लोगों ने रास्ता रोको आंदोलन किया। जबकि एसटी की औरंगाबाद-जालना, धुलिया, सोलापुर, पुणे की ओर से जाने वाली बसों की सेवा बंद रही। हिंगोली में संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने राज्य के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को काला झंडा दिखाकर विरोध जताया।मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी लाठीचार्ज की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है।
दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए
अजित पवार, उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जालना में लाठीचार्ज की घटना के लिए दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच करके कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। सरकार मराठा समाज की भावनाओं से पूरी तरह सहमत है। इसलिए आंदोलनकारियों को बसों पर पथराव, आगजनी और हिंसा की घटनाओं से बचना चाहिए।
केंद्र सरकार अध्यादेश जारी करके लागू करे मराठा आरक्षण
उद्धव ठाकरे, शिवसेना(उद्धव) पक्ष प्रमुख के मुताबिक केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए जिस तरीके से दिल्ली सेवा अध्यादेश लाई है, उसी तरह केंद्र सरकार को मराठाआरक्षण, धनगर आरक्षण सहित सभी समाज के प्रलंबित आरक्षण के लिए अध्यादेश जारी करना चाहिए। बगैर सरकार के आदेश के पुलिस लाठीचार्ज कर ही नहीं सकती।
"इंडिया' की बैठक से ध्यान भटकाने के लिए लाठीचार्ज
नाना पटोले, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि "इंडिया' गठबंधन की बैठक शुक्रवार को मुंबई में चल रही थी। बैठक का संदेश देश भर में न पहुंचे। इसलिए इस बैठक से ध्यान भटकाने के लिए जालना में लाठीचार्ज की घटना को अंजाम दिया गया।
प्रवीण दरेकर, भाजपा विधायक के मुताबिक जालना में लाठीचार्ज की घटना के बाद सरकार स्थिति पर नियंत्रण बनाए हुए है। लाठीचार्ज की जांच के लिए सरकार ने जांच समिति का गठन कर दिया है। विपक्ष को मराठा आरक्षण पर राजनीतिक रोटी सेंकने का काम नहीं करना चाहिए।