बीएमसी में ईडी की छापेमारी की कार्रवाई के विरोध में कूदी यूनियन
- कोविड सेंटर के ठेकों के घोटाले का मामला
- बीएमसी में ईडी की छापेमारी की कार्रवाई के विरोध में कूदी यूनियन
- काम ठप करने की धमकी के बाद बैकफुट पर सरकार
- फडणवीस बोले अधिकारियों को टार्गेट नहीं करेंगे,केवल जानकारी निकालेंगे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना काल में मनपा में विभिन्न कार्यों में 12 हजार करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर पिछले तीन दिनों से बीएमसी अधिकारियों, ठेकेदारों के घरों और दफ्तरों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी चल रही है। ईडी की चल रही छापेमारी की कार्रवाई के विरोध में बीएमसी इंजीनियर एसोसिएशन भी कूद पड़ी है। एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने कहा कि अधिकारियों कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना कोविड में दिन-रात सेवाएं दीं। अब कोरोना नियंत्रण में आने के बाद उनको टार्गेट किया जा रहा है। अधिकारियों को यदि टार्गेट किया गया, तो मजबूरन हमें काम ठप करना पड़ेगा। एसोसिएशन की इस धमकी के बाद अब सरकार बैकफुट पर आ गई है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि हम अधिकारियों को टार्गेट नहीं कर रहे हैं। केवल उनसे जानकारी निकाली जा रही है।
यूनियन ने दी चेतावनी
मनपा मजदूर संघ के मह सचिव प्रकाश जाधव ने दैनिक भास्कर से कहा कि ‘ईडी' की इस कार्रवाई से कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। हमारी मांग है कि ईडी द्वारा चल रही जांच को रोका जाना चाहिए। प्रकाश जाधव ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर ईडी की जांच जारी रही तो मनपा कर्मचारी ईडी कार्यालय पर धरना देकर विरोध जताएंगे। ईडी ने गुरुवार को कोविड सेंटर घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए मनपा के सेंट्रल परचेजिंग डिपार्टमेंट ( सीपीडी) के अधिकारियों से पूछताछ की। उनके साथ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अधिकारी भी थे।
फडणवीस ने दी सफाई
उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इस बारे में मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पत्रकारों ने सवाल पूछा कि ईडी की छापेमारी से मनपा अधिकारियों में बेचैनी है, तो फडणवीस ने कहा कि किसी भी अधिकारी को निशाना बनाने की कोशिश नहीं की जाएगी। लेकिन कोई घोटाला हुआ है, तो उसके बारे में जानकारी देते या लेते समय कुछ अधिकारियों को बुलाना पड़ता है। कुछ की जांच होनी है। स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि घोटाला हुआ है। फडणवीस ने कहा कि इस संबंध में पूरी जांच कराई जाएगी।
क्या है मामला
कोरोना काल में लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज कंपनी को ठेका देकर कोविड सेंटर का निर्माण और मेडिकल उपकरणों की खरीदारी की गई थी, जिसमें करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने यह आरोप लगाते हुए आजाद मैदान थाने में शिकायत दर्ज कराई है। लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज फर्म के अनुसार, पार्टनर डॉ. हेमंत रामशरण गुप्ता, सुजीत मुकुंद पाटकर, संजय मदनलाल शाह और राजू नंदकुमार सालुंखे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। राज्य सरकार ने यह मामला आर्थिक अपराध शाखा के पास भी जांच के लिए भेजा है।
आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त भी सवालोंके घेरे में
कोविड के समय मुंबई मनपा में लिए गए ज्यादातर निर्णय कमिश्नर इकबाल सिंह चहल की मंजूरी से हुए हैं। मनपा के मध्यवर्ती खरीद विभाग की जिम्मेदारी अतिरिक्त आयुक्त पी वेलारासू पर थी। इसलिए कहा जा रहा है कि यह दोनों अधिकारी भी ईडी के रडार पर हैं।