दीक्षांत समारोह: केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान बोले - नौकरी खोजने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें
- आईआईएम मुंबई का पहला दीक्षांत समारोह
- केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बयान
- नौकरी खोजने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें
डिजिटल डेस्क, मुंबई। समय आ गया है कि प्रबंधन संस्थानों से पास होने वाले विद्यार्थी अब नौकरी खोजने के बजाय दूसरों को रोजगार देने वाले काम शुरू करें। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय प्रबंधन संस्थान मुंबई के पहले दीक्षांत समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले देश में 350 ही स्टार्टअप थे लेकिन पिछले 10 वर्षों में इनकी संख्या 1 लाख से ज्यादा हो गई है। इनमें से 108 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन चुके हैं और देश की अर्थव्यवस्था में नए उद्योगपतियों का योगदान 340 बिलियन से ज्यादा हो गया है। उन्होंने कहा कि हमें अगले कुछ वर्षों में एक हजार से ज्यादा यूनिकॉर्न बनाने हैं जिनमें से कम से कम 25 नए आईआईएम मुंबई से होने चाहिए।
प्रधान ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने में शिक्षा और तकनीक का अहम योगदान होगा। अमृतकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है और युवाओं के लिए सबसे बेहतर समय हैं। उन्होंने कहा कि पहले माना जाता था कि अमीर और रसूखदार लोगों के बच्चे ही उद्यमी बनेंगे लेकिन तकनीक ने हालात बदल दिए हैं और अब सामान्य घरों के बच्चे अपना कारोबार खड़ा कर रहे हैं। प्रधान ने कहा कि 1960 से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आईआईएम की मांग हो रही थी अब नीटी को आईआईएम का दर्जा देकर यह मांग पूरी कर दी गई है।
उच्च शिक्षा संस्थानों में 26 फीसदी बढ़े विद्यार्थी
प्रधान ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उच्च शिक्षा संस्थानों में विद्यार्थियों की संख्या 26 फीसदी बढ़ी है। 2014 में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या 827 थी जो अब 1168 हो गई है। पीएचडी करने वाले विद्यार्थी 81 फीसदी बढ़े हैं। आईआईएम की संख्या भी 13 से बढ़कर 21 हो गई है। मंत्री प्रधान ने कहा कि सरकार विज्ञान और तकनीक के पाठ्यक्रमों में लड़कियों की हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है। हम चाहते हैं कि 2030 में विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स (स्टेम) में 50 फीसदी छात्राएं हों।
1013 विद्यार्थियों को मिली डिग्री
आईआईएम बांबे के पहले दीक्षांत समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में 1013 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर की डिग्री मिली। समारोह में स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के 32 फेलो छात्र, 955 स्नातकोत्तर विद्यार्थी और 26 वीएलएफएम छात्र शामिल थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अध्यक्ष आशीषकुमार चौहान ने कहा कि आईआईएम मुंबई यह महानगर के लिए बहुप्रतीक्षित उपहार है। संस्थान के शासी मंडल के अध्यक्ष शशि किरण शेट्टी ने कहा कि आईआईएम मुंबई अनुसंधान और उद्योगों से संपर्क में तेजी लाएगा। आईआईएम मुंबई के निदेशक प्रो मनोज तिवारी ने कहा कि हमारे ज्यादातर विद्यार्थियों को नौकरियां मिल चुकी है।