एकनाथ शिंदे को 2019 में सीएम बनाना चाहते थे उद्धव लेकिन भाजपा ने कर दिया था मना- संजय राऊत
- संजय राऊत को है झूठ बोलने की आदत- मुनगंटीवार
- सीएम बनाना चाहते थे उद्धव लेकिन भाजपा ने कर दिया था मना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। साल 2022 में शिवसेना में हुई टूट पिछले काफी समय से राजनीतिक चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए के महाराष्ट्र के सांसदों की एक बैठक में बयान दिया था कि साल 2014 में शिवसेना ने भाजपा से युति तोड़ी थी जिस पर तत्कालीन भाजपा नेता एकनाथ खडसे ने पीएम मोदी के बयान को झूठा करार दिया था। अब शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने बड़ा दावा किया है। राऊत ने कहा है कि साल 2019 में शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे लेकिन भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने से इंकार कर दिया था।
संजय राऊत ने कहा कि साल 2019 में जब भाजपा और शिवसेना ने एक साथ चुनाव लड़ा था तो उस समय ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री बनने का फार्मूला दोनों ही पार्टियों में तय हुआ था। लेकिन जब भाजपा ने शिवसेना से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछा तो उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार बताया। राऊत ने कहा कि तब भाजपा ने यह कहकर उद्धव ठाकरे का ऑफर ठुकरा दिया था कि वह एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री नहीं बना सकते हैं। जिसके बाद दोनों ही दलों की युति टूट गई थी। राऊत ने कहा कि साल 2019 में युति तोड़ने की वजह एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनाने की मांग थी। उन्होंने कहा कि अब भाजपा के नेता झूठ बोलते हैं, लेकिन राज्य की जनता सब कुछ जानती है और अगले चुनाव में उन्हें जरूर सबक सिखाएगी।
संजय राऊत ने कहा कि भाजपा अब कहती है कि उन्होंने एक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाया है। अगर आप एकनाथ शिंदे को पहले ही मुख्यमंत्री बना दिए होते तो फिर आपको शिवसेना को तोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती। इससे स्पष्ट होता है कि शिवसेना के लिए आपके मन में कितनी द्वेष की भावना है। संजय राऊत के बयान पर भाजपा नेता और वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि राज्य के साथ-साथ केंद्र के भाजपा नेता ये बात कई बार दोहरा चुके हैं कि मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना में कोई बातचीत नहीं हुई थी। संजय राऊत को झूठ बोलने की आदत है। इसलिए राऊत के ऊपर राज्य की जनता विश्वास नहीं कर सकती है।