मुंबई: जनता की अदालत में होंगे उद्धव ठाकरे, मातोश्री में तोड़फोड़ की आशंका पर सुरक्षा बढ़ाई गई

  • महाराष्ट्र पुलिस कंट्रोल रूम में आया कॉल
  • मातोश्री में तोड़फोड़ की आशंका, सुरक्षा बढ़ाई गई
  • जनता की अदालत में होंगे उद्धव ठाकरे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-15 15:55 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस मुख्यालय के कंट्रोल रूम में रविवार शाम को एक धमकी भरा कॉल आया। कॉलर ने बताया कि मातोश्री के पास तोड़फोड़ हो सकती है। कॉलर ने दावा किया कि उसने ट्रेन में 4-5 लोगों को तोड़फोड़ की बात करते हुए सुना है। लेकिन पुलिस ने जब दोबारा उस व्यक्ति से संपर्क करना चाहा तो उसने अपना फोन नंबर बंद कर दिया। जिसके बाद मुंबई पुलिस ने शिवसेना (उद्धव) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के पूरे परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी है। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने सोमवार को जानकारी दी कि मातोश्री के पास तोड़फोड़ की सूचना देनेवाले ने दावा किया कि वह मुंबई-गुजरात ट्रेन से यात्रा कर रहा था। जब उसने लोगों के एक समूह को उर्दू में तोड़फोड़ की योजनाओं पर चर्चा करते हुए सुना। उन्होंने बताया कि कॉल पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए पुलिस ने मातोश्री की सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस ने कॉल करने वाले की तलाश शुरू कर दी है।

"जनता की अदालत’ में होंगे उद्धव ठाकरे, कानूनी विशेषज्ञ देंगे लोगों के सवालों के जवाब

वहीं शिवसेना (शिंदे) विधायकों की अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले को शिवसेना (उद्धव) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के गुट ने अदालत में चुनौती दी है। जबकि दूसरी ओर उद्धव ठाकरे ने इस फैसले को लेकर "जनता की अदालत" में जाने का फैसला किया है। उद्धव गुट के एक नेता ने कहा कि मंगलवार शाम 4 बजे वर्ली के नेशनल स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया (एनएससीआई) में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सुनाए गए फैसले को लेकर उद्धव ठाकरे कुछ खुलासा करेंगे। इस दौरान पार्टी ने आम लोगों को भी बुलाया है।

विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने जब शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता को लेकर फैसला सुनाया था, तो ठाकरे ने उसी दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जनता की अदालत में जाने की बात कही थी। यही कारण है कि उद्धव ने अब जनता की अदालत में जाने का फैसला किया है। सूत्रों का कहना है कि इस कार्यक्रम में कुछ कानूनी विशेषज्ञों को भी बुलाया जाएगा जो आम जनता को सरल भाषा में यह भी बताएंगे कि विधानसभा अध्यक्ष ने किस तरह से फैसले में उद्धव गुट के साथ अन्याय किया था।

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