नोटिस को चुनौती: जय भवानी शब्द को लेकर उद्धव और चुनाव आयोग आमने-सामने, प्रचार गीत में हटाने से इंकार

  • उद्धव ने कहा - पहले मोदी और शाह पर करो कार्रवाई
  • पार्टी के प्रचार गीत से शब्द हटाने से किया इंकार
  • उद्धव ठाकरे और चुनाव आयोग आमने-सामने

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-21 15:44 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को चुनाव आयोग द्वारा पार्टी के ‘प्रचार गीत' को लेकर भेजी गई नोटिस नागवार गुजरी है। ठाकरे ने रविवार को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए पार्टी का जो प्रचार गीत बनाया है, उसमें जय भवानी शब्द और हिंदू शब्दों का जिक्र है। जिस पर चुनाव आयोग ने हमें नोटिस भेजा है और इसका इस्तेमाल करने पर कार्रवाई की बात कही है। ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग को पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने पिछले विधानसभा चुनावों में बजरंगबली के नाम पर वोट मांगे थे।

ठाकरे ने कहा कि देश में सत्ताधारी दल विकास के मुद्दों पर नहीं बल्कि राम के नाम पर वोट मांग रहा है। लेकिन चुनाव आयोग को यह सब नहीं दिख रहा है। चुनाव आयोग एक तरफा कार्रवाई कर रहा है। ठाकरे ने कहा कि हमने जो प्रचार गीत बनाया है उसमें जय भवानी और हिंदू शब्द का इस्तेमाल कार्यकर्ताओं को जोश में लाने के लिए किया गया है। लेकिन चुनाव आयोग को इन शब्दों पर आपत्ति है। ठाकरे ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री बजरंगबली की जय बोलकर पिछले चुनाव में वोट मांग चुके हैं। वहीं चुनाव आयोग हमारे महाराष्ट्र में जय भवानी शब्द के बोलने पर सख्ती बरतने की बात कर रहा है।

नोटिस को अदालत में देंगे चुनौती

ठाकरे ने कहा कि भले ही चुनाव आयोग ने जय भवानी का इस्तेमाल करने पर हम पर कार्रवाई करने की बात कही है, लेकिन हम इस शब्द को अपने चुनावी गीत से बाहर नहीं निकालेंगे। चुनाव आयोग को यह भी बताना होगा कि पिछले चुनाव से अब तक उन्होंने बजरंगबली के नाम पर वोट मांगने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की? ठाकरे ने कहा कि इस मामले को लेकर वह अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे।

अपनी खोई जमीन तलाशना चाहते हैं

शिवसेना (शिंदे) प्रवक्ता किरण पावसकर ने ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा कि उद्धव चुनाव के दौरान राज्य के लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं। पावसकर ने कहा कि उद्धव जय भवानी के नाम पर अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन तलाशना चाहते हैं। जो लोग राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं गए उन्हें जय भवानी का नाम लेने का कोई हक नहीं है।

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