बॉम्बे हाईकोर्ट: एनसीबी के डीडीजी रहे ज्ञानेश्वर सिंह की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, एनसीबी से मांगा जवाब

  • अदालत ने हलफनामा दाखिल करने का दिया निर्देश
  • ज्ञानेश्वर सिंह के खिलाफ की गई शिकायत को लेकर एनसीबी से मांगा जवाब
  • चार सप्ताह में मामले की अगली सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-20 16:20 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. 1999 हिमाचल कैडर के आईपीएस और नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के उप महानिदेशक (डीडीजी) रहे ज्ञानेश्वर सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती है। बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें उनके खिलाफ स्वतंत्र एजेंसी से जांच का अनुरोध किया गया है। अदालत ने एनसीबी को तीन सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का निर्देश दिया है। चार सप्ताह में मामले की अगली सुनवाई होगी।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को तारकांत द्विवेदी की ओर से वकील निरंजन मुंदरकी और वकील केरल मेहता की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील निरंजन मुंदरकी ने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने इस साल मार्च में एनसीबी के डीडीजी रहे ज्ञानेश्वर सिंह के पद के दुरुपयोग और अनियमितता के खिलाफ एनसीबी, सीबीआई और केंद्रीय गृह मंत्रालय में शिकायत की, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

पिछले साल 3 फरवरी को एनडीपीएस की धारा 21 के तहत जब्त मादक पदार्थों का दिल्ली, लखनऊ, इंदौर और जम्मू जोन में नष्ट किया गया। इस दौरान डीडीजी सिंह दिल्ली में मौजूद थे, लेकिन उन्होंने सभी चार जोन में उनकी मौजूदगी में मादक पदार्थ नष्ट किए जाने की रिपोर्ट केंद्रीय वृत्त मंत्रालय को सौंपा था। साथ ही उन पर अपने पद का दुरुपयोग कर महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब के फाइव स्टार होटलों में ठहरे थे। वह इन जगहों पर किसके साथ ठहरे थे? इसकी जांच की जानी चाहिए। इससे पहले भी ज्ञानेश्वर सिंह के खिलाफ शिकायत की गई थी। बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग्स मामले में क्लीन चिट देने के बाद ज्ञानेश्वर सिंह चर्चा में आए थे।

सुनवाई दौरान पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल देवांग व्यास ने कहा कि संघीय मादक पदार्थ निरोधक एजेंसी को कर्तव्य में लापरवाही और कदाचार की शिकायत मिलने के बाद एनसीबी के ज्ञानेश्वर सिंह की जगह दूसरे आईपीएस नीरज कुमार गुप्ता को नियुक्त किया गया है। गृह मंत्रालय ने उन्हें मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ)के पद से हटा दिया है। पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील की दलील को स्वीकार करते हुए एनसीबी को हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का निर्देश दिया है।

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