अयोग्यता मामला: फैसला लेने में न देरी और न जल्दबाजी की जाएगी- राहुल नार्वेकर

राज्य सरकार के इशारे पर फैसले में देरी- अंबादास दानवे

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-18 14:53 GMT



डिजिटल डेस्क, मुंबई.

शिवसेना (शिंदे) के 16 विधायकों की अयोग्यता के मामले पर सुप्रीम कोर्ट से मिली फटकार के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का कहना है कि सर्वोच्च अदालत में जो सुनवाई हुई है उसके आदेश की कॉपी उनके पास नहीं आई है। अदालत ने क्या फैसला दिया है उसकी उचित जानकारी मिलने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी। विधायकों की अयोग्यता पर फैसला किसी की मांग के अनुसार नहीं दिया जा सकता। इस पूरे मामले में कोई भी देरी या जल्दबाजी नहीं की जाएगी, नियम के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय के सूत्रों से दैनिक भास्कर को जानकारी मिली है कि इसी सप्ताह ही विधायकों की अयोग्यता को लेकर सुनवाई हो सकती है।

इससे पहले सोमवार को शिवसेना (उद्धव) विधायक सुनील प्रभु ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय से जानकारी मांगी थी कि शिंदे गुट विधायकों की अयोग्यता पर अभी तक विधानसभा अध्यक्ष ने क्या कार्रवाई की है, लेकिन उन्हें अभी तक अध्यक्ष के कार्यालय से कोई जानकारी नहीं मिली है। राहुल नार्वेकर से जब पत्रकारों ने इस संबंध में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि अगर कोई भी इस तरह की कार्रवाई से संबंधित जानकारी मांगता है तो नियम के अनुसार उन्हें जानकारी दी जा सकती है।

इसी वर्ष मई महीने में सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था और विधानसभा अध्यक्ष को शिंदे गुट के 16 विधायकों पर फैसला लेने के लिए कहा था लेकिन अब कुछ नहीं हुआ है। इसका मतलब साफ है कि विधानसभा अध्यक्ष राज्य सरकार के इशारे पर कार्रवाई करने में देरी कर रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हमारी मांग है कि विधानसभा अध्यक्ष जल्द से जल्द जो भी फैसला लेना चाहें ले सकते हैं।

- अंबादास दानवे, विरोधी पक्ष नेता, विधान परिषद

सर्वोच्च न्यायालय ने जो आदेश दिया है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों की अयोग्यता के मामले में देरी की है। यही कारण है कि अदालत ने उन्हें एक सप्ताह के अंदर सुनवाई करने को कहा है। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को अगली सुनवाई में अदालत को बताना पड़ेगा कि आखिरकार फैसले में देरी किस कारण से हुई है।

- उज्ज्वल निकम, वरिष्ठ वकील

जब से सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है तभी से विधानसभा अध्यक्ष विधायकों की अयोग्यता को लेकर टालमटोल करते आ रहे हैं, लेकिन अब सर्वोच्च अदालत से मिली फटकार से उन पर जरूर कोई असर पड़ेगा। मुझे लगता है कि सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान हर कीमत पर होना चाहिए। महाराष्ट्र में इसकी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

नाना पटोले, प्रदेशाध्यक्ष, कांग्रेस

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