राऊत का निशाना: अयोध्या में राम हैं और बिहार में पलटूराम हैं, एमआईएम-भाजपा के बीच भी मिलीभगत
- मानसिक रूप से बीमार हो गए हैं नीतीश कुमार- संजय राऊत
- राष्ट्रीय महासचिव कपिल पाटील ने साधी चुप्पी
- भाजपा के कहने पर एमआईएम सांसद जलील ने दिया विवादित बयान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली है। एक समय में नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन में सबसे ताकतवर नेता माना जाता था और राज्य के कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव) और राकांपा (शरद) के नेता नीतीश को इंडिया गठबंधन की धुरी मानते थे, लेकिन आज वही नेता उन्हें जी भर कर कोस रहे हैं। शिवसेना (उद्धव) सांसद एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने नीतीश को मानसिक रूप से बीमार तक कह डाला है। राऊत के अनुसार नीतीश का इस्तीफा देना एक शौक बन गया है। वहीं राकांपा (शरद) सांसद सुप्रिया सुले ने नीतीश के गठबंधन से अलग होने को बड़ा झटका बताया है।
संजय राऊत ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य में महाविकास आघाडी और देश में इंडिया गठबंधन की स्थिति अच्छी है। अगर नीतीश कुमार हमसे दूर चले गए हैं तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि नीतीश का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है और इस्तीफा देना उनका शौक बन गया है। राऊत ने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि अयोध्या में राम हैं और बिहार में पलटूराम हैं। राऊत ने कहा कि केंद्र सरकार राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से डर गई है। यही कारण है कि बिहार में यात्रा के आने से पहले ही उन्होंने नीतीश कुमार पर दबाव बनाकर उन्हें अपने पाले में कर लिया है।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि बिखरे हुए इंडिया गठबंधन टुकड़े-टुकड़े हो गए हैं। ममता बनर्जी बंगाल में अलग चुनाव लड़ने जा रही हैं, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब में। पंगत में एक साथ भोजन करने वाले, सीटों का बंटवारा करने वाले और प्रधानमंत्री मोदी को हराने की योजना बनाने वाले आज एक दूसरे के सामने खड़े हैं। बंगाल में राहुल गांधी की यात्रा को अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच में जाकर विश्वास तोड़ने वाले अब देश को जीतने के लिए गप्पा मार रहे हैं।
राकांपा (शरद) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि नीतीश कुमार ने ही इंडिया गठबंधन की नींव तैयार की थी और उन्हीं के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन की पहली बैठक बिहार में हुई थी। इंडिया गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए नीतीश के नाम पर विचार भी किया जा रहा था। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले ही उन्होंने अपना रुख बदल लिया है और भाजपा के साथ जाने का फैसला किया है। उनके फैसले से इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। सुले ने कहा कि भाजपा के खिलाफ हमारी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है बल्कि वैचारिक लड़ाई है और यह जारी रहेगी।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कपिल पाटील ने साधी चुप्पी
जनता दल (यू) के राज्य में इकलौते विधान परिषद के सदस्य और साल 2022 में बनाए गए राष्ट्रीय महासचिव कपिल पाटील ने नीतीश कुमार के भाजपा के साथ मिलकर एक बार फिर सरकार बनाने पर चुप्पी साध ली है। पाटील से नीतीश कुमार को लेकर "दैनिक भास्कर" ने कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साधी हुई है। ये वही कपिल पाटील हैं जब साल 2017 में नीतीश कुमार ने गठबंधन से बाहर निकलकर भाजपा के साथ सरकार बनाई थी तो उन्होंने इसका विरोध किया था। पाटील ने उस समय कहा था कि हम बिहार को किसान आत्महत्याओं से मुक्त रखने के नीतीश के काम से प्रभावित थे। हमने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन और आरएसएस मुक्त भारत के उनके रुख पर अपनी पार्टी का विलय किया था। पाटील राज्य में आघाडी गठबंधन के साथ थे ऐसे में नीतीश के भाजपा के साथ जाने पर अब उनके अगले कदम पर निगाहें लगी हुई हैं।
एमआईएम-भाजपा के बीच है मिलीभगतः राऊत
शिवसेना (उद्धव) प्रवक्ता व सांसद संजय राऊत ने एमआईएम और भाजपा पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा के इशारे पर एमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने पहले विवादित बयान दिया और अब भाजपा उनके खिलाफ आंदोलन कर रही है। औरंगाबाद से सांसद जलील ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि वीर सावरकर भगोड़े थे। इस बयान पर सांसद राऊत ने अहमदनगर में जलील पर निशाना साधा।
राऊत ने कहा, गृहमंत्री गुंडों के सरगना
सांसद राऊत ने कहा कि पूरे राज्य में जमकर गुंडागर्दी चल रही है और इन गुंडों के सरगना राज्य के गृह मंत्री हैं। संजय राउत ने यह भी कहा कि हमने तय किया है कि शिवसेना जल्द ही अहमदनगर शहर से गुंडागर्दी खत्म करेगी। शिवसेना (उद्धव) कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राऊत ने कहा कि शहर में अत्याचार व गुंडागर्दी के खिलाफ शिवसेना के नेतृत्व में विशाल मार्च निकाला जायेगा। राऊत ने कहा कि अगर शिवसेना न होती तो क्या नरेंद्र मोदी अयोध्या जाकर पूजा कर पाते? राऊत ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवसैनिक-कारसेवक केवल रेलवे स्टेशन तक नहीं गए थे बल्कि अयोध्या हथौड़ा भी चलाया था।