कांग्रेस विधायक यशोमति ठाकुर को मिली दाभोलकर जैसा करने की धमकी
- संभाजी भिड़े पर राजनीति जारी
- राकांपा के दोनों गुटों ने किया विरोध प्रदर्शन
Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-01 05:50 GMT
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिव प्रतिष्ठान के प्रमुख संभाजी भिड़े द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। राज्य के सभी राजनीतिक दल संभाजी भिड़े का विरोध कर चुके हैं। कांग्रेस संभाजी भिड़े पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर अड़ी हुई है। भिड़े के मामले में कांग्रेस के विधायकों को धमकी मिलने का सिलसिला जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के बाद अब कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर को भी धमकी मिली है। धमकी देने वाले ने दाभोलकर की हत्या का जिक्र किया है। शरद गुट और अजित गुट ने भिड़े के बयान के विरोध में सोमवार को प्रदर्शन किया।
अगर उन्हें कुछ हुआ तो सरकार होगी जिम्मेदार - यशोमति ठाकुर
यशोमति ठाकुर को धमकी ट्विटर के जरिए मिली। उन्होंने कहा कि कैलाश सूर्यवंशी नाम के शख्स ने धमकी देते हुए कहा कि अगर आप भिड़े के बयान का विरोध करती रहेंगी तो मैं दाभोलकर कर दूंगा। ठाकुर ने कहा कि उन्हें जो धमकी दी गई है इसकी जिम्मेदारी गृह विभाग की है। अगर उन्हें कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी भाजपा, पुलिस विभाग और भाजपा के स्थानीय सांसद अनिल बोंडे की होगी। उन्होंने कहा कि वह इस तरह की धमकियों से डरती नहीं हैं और वह संभाजी भिड़े का लगातार विरोध करते रहेंगी। इससे पहले रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को भी जान से मारने की धमकी मिली थी। इसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
राकांपा के दोनों गुटों ने किया प्रदर्शन
संभाजी भिड़े द्वारा दिए गए बयान के विरोध में राकांपा के दोनों गुटों (शरद और अजित गुट) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को प्रदर्शन किया। अजित गुट ने मंत्रालय के पास महात्मा गांधी की मूर्ति के पास मौन प्रदर्शन किया। मुंबई राकांपा के विभागीय अध्यक्ष नरेंद्र राणे ने कहा कि भिड़े के बयान के बाद से महाराष्ट्र में माहौल बिगड़ रहा है। लिहाजा सरकार को भिड़े पर कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं शरद गुट ने संभाजी भिड़े के बयान का विरोध करते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। मुंबई राकांपा ( शरद गुट) महिला अध्यक्ष सुरेखा पेडणेकर ने कहा कि संभाजी भिड़े पिछले काफी समय से समाज को भटकाने का प्रयास कर रहे हैं, लिहाजा उन पर सरकार को कार्रवाई करने की जरूरत है।
पहले कार्रवाई हो गई होती तो यह नौबत न आती- प्रकाश आंबेडकर
वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि भीमा कोरेगांव हिंसा के समय संभाजी भिडे और मिलिंद एकबोटे का नाम सामने आया था। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के लिए एसआईटी गठन की मांग की थी। लेकिन पवार ने संभाजी भिडे के खिलाफ कोई दस्तावेज नहीं सौंपे। यदि उस समय संभाजी भिडे के खिलाफ कार्रवाई हो गई होती तो अब वह महात्मा गांधी के खिलाफ टिप्पणी न करते।
भिडे को मिले सजा
उधर वारकरी समाज के लोगों ने सोमवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात कर संभाजी भिड़े पर कार्रवाई की मांग की। मुलाकात के बाद वारकरी समाज के लोगों ने कहा कि संभाजी भिड़े राष्ट्रपिता का अपमान कर रहे हैं तो फिर उन्हें उसकी सजा मिलनी चाहिए।
भिडे के खिलाफ ठाणे में मामला दर्ज
राकांपा (शरद गुट) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भिडे के खिलाफ ठाणे के नौपाडा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है। आव्हाड ने कहा कि अगर भिडे को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया तो वह बुधवार को विधानसभा नहीं चलने देंगे।