आयोजन: इस साल भी सारंगखेडा में सजेगा घोडो का विशाल बाजार

21 दिसंबर 2023 से 7 जनवरी 2024 तक चलेगा "चेतक फेस्टिवल'

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-24 13:36 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। घोड़े कभी यातायात के सबसे तेज माध्यम हुआ करते थे। समय बदला और यातायात के कई आधुनिक साधनों का आविष्कार हो गया। इसके बावजूद आज भी देश में घोड़ों के शौकिनों की कमी नहीं है। हर महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के सारंगखेडा में लगने वाले घोड़ो के बाजार चेतक फेस्टिवल में देश के अलावा विदेशों से भी घोड़ा पालने वाले जुटते हैं। इस साल यह अश्व महोत्सव 21 दिसंबर से 7 जनवरी 2024 तक चलेगा।

पिछले साढ़े तीन सौ साल से अधिक समय से चले आ रहे इस पारंपरिक महोत्सव लोग हर साल इंतजार करते हैं। "चेतक फेस्टिवल' लोग विविध नस्लों के घोड़े लेकर पहुंचते हैं। साथ ही यहां घुड़सवारों सहित गतिविधियां भी होती हैं। चेतक फेस्टिवल का आयोजन स्थानीय राजघराने की तरफ से किया जाता रहा है। इस महोत्सव के आयोजक जयपालसिंह रावल बताते हैं कि महाराणा प्रताप के प्रिय घोडे चेतक की याद में इस अश्व महोत्सव का आयोजन किया जाता है। बताते हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने खुद इस मेले से युद्ध के घोड़े हासिल किए थे। तापी नदी के पास स्थित यह स्थान बलूचिस्तान, अरब और भारत के विभिन्न क्षेत्रों से घोड़ों की मेजबानी के लिए आदर्श रूप से उपयुक्त माना जाता रहा है।

पर्यटकों के लिए बसाई जाएगी टेंट सिटी आयोजकों का अनुमान है कि इस साल चेतक फेस्टिवल में करीब 2,500 घोड़े लाए जाएंगे। इस बार चेतक महोत्सव में आने वाले लोगों को महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत का नजारा देखने को मिलेगा। चेतक फेस्टिवल में पहुंचने वाले आगंतुकों के रहने और विश्राम करने के लिए तापी नदी के किनारे "टेंट सिटी' के रूप मे शानदार आरामदायक आवास तैयार किए जाएंगे। चेतक फेस्टिवल में पहुंचने वाले सैलानियों और अश्व प्रेमियों के लिए स्थानीय हस्तशिल्प से भरे स्टाल नजर आयेंगे। पर्यटक स्ट्रीट फूड का भी आनंद ले सकेंगे। इस वर्ष अठारह दिनों तक चलने वाले "चेतक फेस्टिवल' में देश विदेश से 12 लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान है। इनमें शाही परिवारों के सदस्य, बॉलीवुड हस्तियों के अलावा विभिन्न दलों के राजनेता शामिल होंगे। चेतक महोत्सव सारंगखेड़ा के सह-आयोजक विशाल गंजू का कहना है कि "चेतक महोत्सव की भव्यता न केवल स्थानीय विरासत को दर्शाती है बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में भी जान फूंकती है।

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