राहत: जंगली जानवर के हमले में मौत होने पर परिजनों को मिलेंगे 25 लाख रुपए का मुआवजा

  • वन विभाग ने जारी की अधिसूचना
  • पालतू जानवरों की मृत्यु पर भी मिलेगा मुआवजा
  • खेतों, पेड़ों और फलों के नुकसान भरपाई की राशि तय

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-03 14:24 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार के वन विभाग ने एक अधिसूचना के जरिए वन्य प्राणियों के हमले से व्यक्तियों की मौत अथवा जख्मी होने पर प्रदान की जाने वाले मुआवजा दर निश्चित किया है। सरकार ने वन्य प्राणियों के हमले से पालतू जानवरों की मृत्यु अथवा जख्मी, खेतों, पेड़ों और फलों के नुकसान भरपाई की राशि तय की है। इससे प्रदेश में बाघ, तेंदुआ, भालू, जंगली सुअर, सियार, हाथी, जंगली कुत्ता, बंदर जैसे वन्य प्राणियों के हमले में मौत होने पर संबंधित व्यक्ति के परिजन को 25 लाख रुपए मिलेंगे। अभी तक यह राशि 20 लाख रुपए थी।

सरकार ने वन प्राणियों के हमले से मौत, जख्मी अथवा नुकसान भरपाई प्रदान करने संबंधित अधिनियम 2023 के तहत मिले अधिकारियों का इस्तेमाल करके यह दर घोषित किया है। इससे मुताबिक वन्य प्राणियों के हमले के कारण व्यक्ति के स्थायी रूप से दिव्यांग होने की स्थिति में 7 लाख 50 हजार रुपए की मदद मिल सकेगी। व्यक्ति के गंभीर जख्मी होने पर पांच लाख रुपए की नुकसान भरपाई प्रदान की जाएगी। व्यक्ति के मामूली जख्मी होने पर इलाज खर्च अथवा 50 हजार रुपए इसमें से जो कम होगा, वह राशि नुकसान भरपाई के रूप में दी जाएगी।

पशुओं की मौत पर मिलेंगे 70 हजार : वहीं बाघ, तेंदुआ, भालू, जंगली सुअर, सियार, लकड़बग्घा, लोमड़ी जैसे जंगली जानवरों के हमले में गाय, भैंस अथवा बैल की मौत होने पर संबंधित पशु मालिक को पशु बाजार कीमत का 75 प्रतिशत अथवा केवल 70 हजार रुपए इसमें से जो कम होगा वह राशि दिया जाएगा। भेड़ और बकरी की मौत होने पर पशु बाजार की कीमत का 75 प्रतिशत अथवा केवल 15 हजार रुपए इसमें से जो कम होगी, वह राशि दी जाएगी। गाय, भैंस अथवा बैल के स्थायी विकलांग होने की स्थिति में पशु बाजार की कीमत का 50 प्रतिशत अथवा 15 प्रतिशत राशि इसमें से जो कम होगा, वह राशि नुकसान भरपाई के रूप में दी जाएगी।

जंगली सुअर, हिरण, नीलगाय, बंदर, लंगूर और हाथी जैसे प्राणियों के कारण फसलों का 20 हजार रुपए तक नुकसान भरपाई दी जाएगी। 20 हजार रुपए से अधिक नुकसान होने पर अधिकतम 50 हजार रुपए की मदद प्रदान की जाएगी। गन्ने की फसलों के नुकसान होने पर प्रति मीट्रिक टन 1 हजार 600 रुपए के हिसाब से अधिकतम 50 हजार रुपए तक मदद दी जाएगी। वहीं वन्य प्राणियों के हमले में नारियल के पेड़ का नुकसान होने पर 500 रुपए से लेकर 9 हजार 500 रुपए तक प्रदान किया जाएगा। पेड़ की आयु के अनुसार नुकसान भरपाई की राशि निर्धारित की जाएगी। इसी तरह केला, आम, संतरा और मौसंबी फल के पेड़ों के लिए नुकसान भरपाई की राशि प्रदान की जाएगी।

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