गणवेश योजना: कपड़े खरीदने के लिए जारी टेंडर से गुजरात- राजस्थान के कपड़ा उत्पादकों को होगा फायदा
- सपा विधायक रईस शेख ने की टेंडर रद्द कर राज्य हथकरघा निगम से खरीदारी की मांग
- मुख्यमंत्री शिंदे को लिखा पत्र
- जारी टेंडर से गुजरात और राजस्थान के कपड़ा उत्पादकों को होगा फायदा
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 40 लाख 60 हजार विद्यार्थियों को इस साल से एक जैसे गणवेश दिए जाएंगे। गणवेश का कपड़ा खरीदने के लिए महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षा परिषद ने 138 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया है। लेकिन समाजवादी पार्टी विधायक रईस शेखा का आरोप है कि टेंडर की शर्तों से गुजरात और राजस्थान के कपड़ा उत्पादकों को फायदा होगा।
महाराष्ट्र राज्य हथकरघा निगम का कपड़ा खरीदे, उठी मांग
शेख ने मांग की है कि सरकार टेंडर रद्द कर महाराष्ट्र राज्य हथकरघा निगम का कपड़ा खरीदे। शेख ने अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखा है। शेख के मुताबिक योजना के तहत 1 करोड़ 20 लाख मीटर कपड़ा खरीदा जा रहा है। देश का आधा यानी 12 लाख हथकरघा भिवंडी में है लेकिन टेंडर में शर्त रखी गई है कि इसमें शामिल होने वाले के लिए 1 लाख मीटर प्रतिदिन कपड़ा उत्पादन की क्षमता होनी चाहिए और तीन साल का टर्नओवर 55 लाख रुपए से होना चाहिए।
हथकरघा उद्योग से जुड़े लोग डेंटर प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे
इससे महाराष्ट्र के हथकरघा उद्योग से जुड़े लोग डेंटर प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे। शेख का आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया से पहले एक मुंबई में एक बैठक हुई थी जिसमें गुजरात और राजस्थान के कारोबारी शामिल थे इसी दौरान ऐसे शर्तें तय की गईं जिससे राज्य में हथकरघा चलाने वाले इस प्रक्रिया से बाहर हो जाएं।
हथकरधा उद्योग राज्य के 35 लाख लोगों को रोजगार देता है
शेख ने कहा कि हथकरधा उद्योग राज्य के 35 लाख लोगों को रोजगार देता है इसके अलावा बड़ी संख्या में किसानों को इससे फायदा होता है ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वह राज्य के ही हथरकघा से खरीदारी करे।