हस्ताक्षर अभियान शुरु: दवाइयों के टोटे का दुखड़ा सुनाएंगे टीबी मरीज

  • दुखड़ा सुनाएंगे टीबी मरीज
  • दवाइयों का टोटा
  • मरीज भेजेंगे पत्र, हस्ताक्षर अभियान की हुई शुरुआत

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-24 09:57 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान | राजधानी सहित राज्य भर में टीबी की दवाइयों का टोटा बना हुआ है। यह किल्लत बीते चार महीनों से है। इस कमी को लेकर राज्य सहित केंद्रीय टीबी उन्मूलन विभाग से पत्राचार भी किया जा चुका है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। टीबी की दवा के लिए मरीज दर-दर भटक रहे हैं। अब ये टीबी के मरीज संयुक्त राष्ट्र को पत्र भेजकर अपना दुखड़ा सुनाएंगे। इसके लिए टीबी मरीजों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है।

टीबी मरीजों के हित में काम करनेवाले ऐक्टिविस्ट गणेश आचार्य ने बताया कि दवाई न मिलने का सबसे ज्यादा असर एमडीआर टीबी मरीजों को हो रहा है। उन्होंने बताया कि एमडीआर टीबी मरीजों को पांच दवाइयां दी जाती है। इसमें साइक्लोसिरिन, लाइनज़ोलिड, क्लोफ़ाज़िमाइन, मोक्सीफ्लॉक्सेसिन, पैरिडॉक्सिन और डिलामिण्ड शामिल है। इन सभी दवाइयों का स्टॉक खत्म हो गया है। स्टॉक न होने के कारण टीबी डॉट्स सेंटर के कर्मचारी मरीजों को बाहर से दवा खरीदने के लिए कह रहे है। लेकिन हालात यह है कि अब निजी मेडिकल स्टोर्स में भी आवश्यक दवाइयां नही मिल रही है।

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