विधायक अयोग्यता मामला: 31 दिसंबर तक शिवसेना और 31 जनवरी तक एनसीपी विधायकों के खिलाफ लें फैसला
- सुप्रीम कोर्ट का विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश
- विधायक अयोग्यता मामले की सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट) के बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए और समय दे दिया है। विधानसभा अध्यक्ष को शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता पर इस साल के अंत तक और अजित पवार गुट के विधायकों के खिलाफ नए वर्ष के पहले महीने की आखिरी तारीख तक निर्णय लेना होगा।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिया कि वह शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता के खिलाफ 31 दिसंबर 2023 और एनसीपी (अजित पवार) विधायकों के खिलाफ 31 जनवरी 2024 तक अयोग्यता की कार्यवाही पर फैसला दें। इस दौरान पीठ ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष नए सुनवाई कार्यक्रम के बारे में प्रस्तुत हलफनामे को खारिज कर दिया, जिसमें दिवाली की छुट्टियों और विधानसभा के शीतकालीन सत्र का हवाला देते हुए सुनवाई 29 फरवरी 2024 को तय किए जाने की बात कही गई थी।
प्रक्रियात्मक उलझनों के कारण सुनवाई में न हो देरी
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उक्त दो कारणों की वजह से हमें और समय दिए जाने की मांग की, लेकिन पीठ ने इसे ठुकराते हुए कहा कि दिवाली की छुटिटयों से पहले आपके पास समय है। हमारे विचार से प्रक्रियात्मक उलझनों के कारण याचिकाओं पर निर्णय लेने में देरी नहीं होनी चाहिए। शिवसेना (उद्धव गुट) की ओर से कपिल सिब्बल ने भी एसजी की मांग का कड़ा विरोध किया और कहा कि विधानसभा अध्यक्ष समय सीमा में निर्णय नहीं लेंगे। इस पर कोर्ट ने कहा कि इसलिए अब 31 दिसंबर तक का समय दिया है और इस पर जनवरी के पहले हफ्ते में सुनवाई रखी गई है।