महाराष्ट्र: सुप्रीम कोर्ट का सरकार को आदेश, हाईकोर्ट की नई इमारत के लिए आवंटित भूमि जल्द सौंपे

  • दिसंबर 2024 तक का न करे इंतजार
  • नई इमारत के लिए आवंटित भूमि जल्द सौंपे
  • सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र सरकार को आदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-17 14:46 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नई इमारत के निर्माण के लिए आवंटित भूमि को जल्द सौंपने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य सरकार को परियोजना के लिए निर्धारित पूरी 9.64 एकड़ जमीन सौंपने के लिए दिसंबर 2024 तक इंतजार करने की जरुरत नहीं है। मामले में प्रगति जानने के लिए अदालत आगे की सुनवाई 15 जुलाई को करेगी।

मामले में पिछली सुनवाई (7 मई को) के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने राज्य सरकार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नई इमारत के लिए बांद्रा पूर्व में आवंटित जमीन तुरंत बॉम्बे हाईकोर्ट को सौंपने के निर्देश दिए थे, ताकि वहां नए हाईकोर्ट परिसर का निर्माण शुरु हो सके। इस दौरान पीठ ने महाधिवक्ता डॉ बीरेंद्र सराफ द्वारा चिन्हित जमीनों और उन्हें खाली करने की समय सीमा के संबंध में प्रस्तुत किए विवरण पर असमहति जताते हुए स्पष्ट कर दिया था कि दिसंबर 2024 तक इंतजार करना संभव नहीं है।

आज हुई सुनवाई में पीठ ने कहा कि राज्य सरकार के लिए दिसंबर 2024 की निर्धारित समय सीमा से पहले आवंटित पूरी 9.64 एकड़ जमीन जारी करना अनिवार्य होगा, ताकि चयनित डिजाइन योजना के अनुसार निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरु हो सके। साथ ही सीजेआई ने महाराष्ट्र के महाधिवक्ता सराफ से कहा कि वह मानसून खत्म होने के बाद सितंबर के महीने में ही जमीन सौंपने की प्रक्रिया में तेजी लाएं।

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने बॉम्बे में एक समर्पित मध्यस्थता केंद्र की आवश्यकता व्यक्त की है। एसजी मेहता ने यह भी प्रस्तुत किया कि राज्य सरकार बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के आसपास केंद्र बनाने पर विचार कर रही है, वहीं हाईकोर्ट के पास एयर इंडिया भवन में खाली मंजिलों का उपयोग करने की भी संभावना है।

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