विधायकों की अयोग्यता मामला: सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को याचिकाओं पर फैसला लेने के लिए दिया अंतिम मौका
- 30 अक्टूबर को अगली सुनवाई
- विधानसभा अध्यक्ष को याचिकाओं पर फैसला लेना होगा
- दिया अंतिम मौका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई आगे बढ़ा दी है। शीर्ष अदालत ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को याचिकाओं पर फैसला लेने के लिए वास्तविक सुनवाई कार्यक्रम पेश करने 30 अक्टूबर तक का समय दिया है। हालांकि, अदालत ने पिछली सुनवाई में विधानसभा अध्यक्ष को 17 अक्टूबर तक कार्यवाही समाप्त करने के लिए उचित समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई तो उनके द्वारा स्वयं एक समय-सीमा तय करने की बात कहीं थी।
इससे पहले 13 अक्टूबर को एनसीपी और शिवसेना (उद्धव गुट) की याचिकाओं पर एकत्रित सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने विधायकों के खिलाफ अयोग्यता कार्रवाई करने में की जा रही देरी पर विधानसभा अध्यक्ष को मौखिक रूप से जमकर फटकार लगाई थी। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने विधानसभा अध्यक्ष के प्रति सख्त रवैया दिखाते हुए यह भी कहा था कि 6 महीने का समय बीतने के बावजूद मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में हमें मजबूरी में स्पीकर को दो महीने में फैसला लेने के लिए कहना पडेगा।
सीजेआई ने अध्यक्ष के सुनवाई कार्यक्रम को मानने से इंकार करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और महाराष्ट्र के महाधिवक्ता डॉ बीरेंद्र सराफ से यह बताने के लिए कहा था कि कि वो स्पीकर से बात करके मंगलवार को उन्हें बताएं कि विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता कार्रवाई पर कब तक फैसला ले रहे है। आज हुई सुनवाई में पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष को सुनवाई का वास्तविक शेड्यूल पेश करने के लिए लगभग दो हफ्तों का समय देते हुए याचिकाओं पर अगली सुनवाई की तारीख 30 अक्टूबर निर्धारित कर दी।