जताया आभार: सुनेत्रा पवार ने राज्यसभा के लिए दाखिल किया नामांकन, निर्विरोध चुना जाना तय

  • पार्टी में नहीं है कोई नाराजगी: भुजबल
  • बारामती से लोकसभा चुनाव हारने के बाद राज्यसभा के लिए दाखिल किया नामांकन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-13 16:11 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बारामती से लोकसभा चुनाव हारने के बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं राकांपा (अजित) प्रमुख अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार ने गुरुवार को राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। उनके खिलाफ किसी और दल द्वारा नामांकन दाखिल नहीं करने के चलते सुनेत्रा का निर्विरोध चुना जाना तय है। नामांकन के आखिरी दिन सुनेत्रा ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया। सुनेत्रा को राज्यसभा भेजने को लेकर अजित गुट में नाराजगी की खबरें भी सामने आई थीं। खबर थी कि पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल भी राज्यसभा का टिकट चाहते थे, हालांकि उन्होंने किसी भी नाराजगी से इनकार कर दिया।

नामांकन दाखिल करने के बाद सुनेत्रा ने कहा कि मुझे राज्यसभा भेजने के लिए मैं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित पवार और अन्य नेताओं की आभारी हूं। उन्होंने कहा कि मेरी उम्मीदवारी को लेकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की मांग थी। जिसके बाद पार्टी ने सोच समझकर फैसला लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल की नाराजगी पर सुनेत्रा ने कहा कि जिस समय मैंने नामांकन दाखिल किया उस समय भुजबल भी मौजूद थे। इसलिए मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि पार्टी में कोई नाराजगी नहीं है।

हालांकि बुधवार रात पार्टी की बैठक में सुनेत्रा पवार के नाम पर मुहर लगी थी। खबर थी कि बैठक में भुजबल ने सुनेत्रा की उम्मीदवारी का विरोध किया था। हालांकि उन्होंने गुरुवार को किसी भी नाराजगी से इनकार किया। भुजबल ने कहा कि सुनेत्रा को राज्यसभा भेजने का फैसला पार्टी की कोर कमेटी में हुआ। उन्होंने कहा कि मैं भी राज्यसभा जाने का इच्छुक था, लेकिन सबकुछ हमारे मन के मुताबिक नहीं होता है। मेरे अलावा पार्टी के दूसरे नेता भी राज्यसभा जाने के इच्छुक थे।

सुनेत्रा की उम्मीदवारी को लेकर पार्टी में नाराजगी की खबरों पर प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि नाराजगी को लेकर मीडिया में मनगढ़ंत खबरें चल रही हैं। जिनमें कोई सच्चाई नहीं है। पटेल ने कहा कि खुद भुजबल ने सुनेत्रा के नाम की सिफारिश की थी, ऐसे में उनकी नाराजगी का कोई मतलब नहीं है। गौरतलब है कि प्रफुल्ल पटेल के इस्तीफे के बाद राज्यसभा की ये सीट खाली हुई है। पटेल ने राज्यसभा की जिस सीट से इस्तीफा दिया था, इस सीट के कार्यकाल में 4 साल बाकी हैं।

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