मुंबई समेत राज्यभर में बसों की कमी से परेशान हो सकते हैं छात्र
- स्कूल बढ़े लेकिन 11 हजार बसें हुईं कम
- राज्यभर में बसों की कमी
- परेशान हो सकते हैं छात्र
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के दूसरे हिस्सों में 15 जून तक जबकि विदर्भ में 30 जून तक सभी स्कूल खुल जाएंगे लेकिन राज्य में स्कूल बसों की भारी कमी है। कोरोना संक्रमण से पहले राज्य में 44 हजार स्कूल बसों थीं जो अब घटकर 35 हजार रह गईं हैं। महाराष्ट्र स्कूल बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल गर्ग ने बताया कि । राज्य में इस साल करीब डेढ़ सौ नए स्कूल खुले हैं इसके बावजूद बसों की संख्या घटी है क्योंकि मालिक कोरोना संक्रमण के दौरान हुआ घटा झेल नहीं पाए। सिर्फ मुंबई में ही ढाई हजार स्कूल बसों की कमी है क्योंकि यहां डीजल बसें 8 साल से ज्यादा नहीं चल सकती। हालांकि राज्य के दूसरे हिस्सों में ऐसा नियम नहीं है इसलिए परेशानी कम है। गर्ग ने बताया कि बसों की कमी की एक वजह यह है कि उत्पादक अग्रिम भुगतान के बावजूद बसें सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद जो बसें बनीं उन्हें निर्यात कर दिया गया और हम अग्रिम भुगतान के बावजूद बसों का इंतजार करते रह गए। उन्होंने कहा कि मैंने बसों के लिए चार महीने पहले 28 लाख रुपए का भुगतान किया है लेकिन अब तक बसें नहीं मिलीं हैं।
15 फीसदी तक बढ़ी फीस
अपने बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए इस साल अभिभावकों को ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। अनिल गर्ग ने बताया कि मुंबई में स्कूल बसों की फीस 15 जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में 10 फीसदी बढ़ाया गया है। दूरी के हिसाब से प्रति विद्यार्थी एक से दो हजार रुपए महीने लिए जाते हैं।
मंहगाई ने बढ़ाई मुश्किल
गोरेगांव इलाके में रहने वाली निर्मल शर्मा ने बताया कि उनके बेटे के स्कूल बस की फीस पहले 2100 रुपए थी जिसे अब बढ़ाकर 2420 रुपए कर दिया गया है। मंहगाई पहले से आसमान छू रही है ऐसे में स्कूल की फीस के साथ बस की फीस बढ़ने से घर का बजट संभालना मुश्किल हो गया है। कुर्ला इलाके में रहने वाले इरशाद अहमद काजी ने कहा कि मेरे दो बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ते हैं। स्कूल बस की फीस के तौर पर उनके लिए इस साल से हर महीने 300 रुपए अतिरिक्त देने पड़ रहे हैं। तीन महीने के लिए दोनों बच्चों के स्कूल बस की फीस के तौर पर 1800 रुपए जमा कराने पड़े हैं। हम सवाल करते हैं तो खर्च बढ़ने की बात कही जाती है।
केंद्र का नियम हम नहीं दे सकते छूट-परिवहन आयुक्त
राज्य के परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान जब स्कूल बंद थे बसों को टैक्स में छूट दी गई थी। जहां तक महानगर में 8 साल बसें चलने की बात है यह केंद्र सरकार का नियम है। अगर मोटर वाहन अधिनियम में कोई बदलाव करना है तो वह केंद्र सरकार ही कर सकती है।